एनओसी नहीं मिलने से भागलपुर व सबौर में ओवरब्रिज निर्माण में देरी
कृषि विश्वविद्यालय के अलग-अलग दो परिसरों को जोड़ने के लिए बन रहे अंडरपास और भोलानाथ आरओबी के लिए अबतक रेलवे से एनओसी नहीं मिली है.
-सबौर में कृषि विश्वविद्यालय के परिसरों को जोड़ने के लिए रेलवे की जगह पर नहीं हो रहा काम-भोलानाथ आरओबी का काम बौंसी रेल पुल की जगह को छोड़ कर कराने की मजबूरी
वरीय संवाददाता, भागलपुरकृषि विश्वविद्यालय के अलग-अलग दो परिसरों को जोड़ने के लिए बन रहे अंडरपास और भोलानाथ आरओबी के लिए अबतक रेलवे से एनओसी नहीं मिली है. दोनों ही महत्वपूर्ण योजना हैं. कृषि विश्वविद्यालय के अंडरपास के लिए कराने को अब काम नहीं के बराबर बचा है. पर्याप्त जगह पर काम लगभग पूरा हो गया है. सिर्फ रेलवे के हिस्से में काम होना बाकी रह गया है. एनओसी मिलने पर रेलवे लाइन की जगह पर अंडरपास बनना है. यू-थ्रो का काम शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. सीटू बॉक्स सेल में कास्ट 60 फीसदी हो गया है. अप्रोच रोड भी पूरी तरह से बनकर तैयार है. जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) को मंजूरी मिलना है और इस पर हालिया अनुपालन सीबीई, कोलकाता द्वारा तैयार किया गया है. इधर, भोलानाथ आरओबी का निर्माण कार्य प्रगति पर है मगर, भोलानाथ अंडरपास और बौंसी रेल पुल की जगह पर कोई काम नहीं हो रहा है. जीएडी रेलवे में लंबित है. फिलहाल, पुल निर्माण निगम को कराने के लिए पर्याप्त जगह है. लेकिन, बाकी जगहों पर जब काम पूरा कर लेगा, तो भोलानाथ अंडरपास व बौंसी रेल पुल पर ओवर ब्रिज का काम के लिए एनओसी की आवश्यकता पड़ेगी. अभी रेलवे न तो एनओसी दे रहा है और न ही पुल निर्माण निगम द्वारा कोशिश की जा रही है.अंडरपास बनाने वाली एजेंसी को नहीं मिल रहा पैसा
पुल निर्माण निगम जिस एजेंसी से अंडरपास बनवा रहा है, उन्हें कार्य की उपलब्धता के आधार पर भुगतान नहीं कर रहा है. हालांकि, इसका काम पर कोई असर नहीं पड़ा है. यह काम करीब 36 करोड़ राशि की है. काम पूरा होने की संभावित तिथि 30 जून 2024 निर्धारित की गयी है लेकिन, अभी रेलवे से एनओसी मिल भी जाता है, तो करीब डेढ़ महीने में काम पूरा होने की उम्मीद नहीं है.
एनओसी नहीं मिलने से दूसरी दिशा में काम कराने को हुए मजबूर
भोलानाथ आरओबी का निर्माण कार्य शीतलास्थान मिरजानहाट से कराया गया था. काम जब आगे बढ़ा तो बौंसी रेल पुल और भोलानाथ अंडरपास पास आकर रुक गया. दरअसल, पाइलिंग के लिए यहां रेलवे से एनओसी की जरुरत पड़ गयी. एनओसी नहीं मिलने की वजह से इस जगह पर काम बंद कर दूसरी दिशा यानी, भीखनपुर की ओर से काम शुूरू करना मजबूरी बन गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है