रंगकर्मियों के लिए रियायती दर पर आधुनिक प्रेक्षागृह उपलब्ध कराने की मांग

विभिन्न सांस्कृतिक संगठन से जुड़े रंगकर्मी व संस्कृतियों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंचे. यहां डीएम की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2025 9:36 PM

विभिन्न सांस्कृतिक संगठन से जुड़े रंगकर्मी व संस्कृतियों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंचे. यहां डीएम की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में रंगकर्मियों के लिए आधुनिक प्रेक्षागृह उपलब्ध कराने की मांग उठायी गयी. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिशा जन सांस्कृतिक मंच के संयोजक प्रो चंद्रेश ने किया. ज्ञापन में कहा कि भागलपुर शहर की एक गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा रही है. महान उपन्यासकार शरत चन्द्र, अभिनेता अशोक कुमार, मशहूर कहानीकार बनफूल व राष्ट्रकवि दिनकर समेत अनेक विभूतियों की यह कर्मभूमि रही है. प्राचीन कमिश्नरी का मुख्यालय होने के बावजूद यहां तमाम सुविधाओं से सुसज्जित प्रेक्षागृह की कमी है. स्थानीय रंगकर्मी, संस्कृतिकर्मी लगातार मांग करते रहे हैं. संग्रहालय स्थित अंग सांस्कृतिक भवन के जीर्णोद्धार व आधुनिकीकरण का काम जुलाई 2020 में शुरू हुआ और तीन साल बाद 2024 में यह पूरा हो पाया.

प्रेक्षागृह निर्माण के दौरान हुई थी चूक

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि लाइट और साउंड सिस्टम के लिये अलग से बूथ नहीं बनाया गया और उसे ग्रीन रूम में स्थापित कर दिया गया. इस गड़बड़ी की ओर जब हमलोगों ने स्थानीय प्रशासन के उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया, तब उनके हस्तक्षेप बाद बहुत मुश्किल से लाइट और साउंड बूथ का निर्माण किया गया. अब जब प्रेक्षागृह का निर्माण हो गया है, तो पिछले आठ-नौ महीने से हैंडओवर की तकनीकी समस्या बनी हुई है. कलाकार अपनी कला व प्रतिभा का सही उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. जबकि पिछले दिनों संग्रहालय की ओर से प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. प्रतिनिधिमंडल में दिशा के प्रो उदय, संबंध के रितेश रंजन, इप्टा के संजीव कुमार दीपू, विनय कुमार, समवेत के विक्रम शामिल थे.

ये मांगें रखीं

– प्रेक्षागृह परिसर में 100 केवीए का एक नया ट्रांसफार्मर लगवायें

– हैंडओवर की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का निर्देश दें

– रंगकर्मियों, संस्कृतिकर्मियों को आसानी से मामूली शुल्क देकर प्रेक्षागृह उपलब्ध हो

– कला, संस्कृति के जानकार लोगों की एक स्थानीय कमेटी बनवायें अधिकारी

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