Dial 112 : बिहार में इमरजेंसी नंबर डायल 112 को अगले माह से लागू किया जाना है. इसे लेकर बीएमपी के डीजी एके अंबेडकर सूबे के सभी जिलों का दौरा कर रहे हैं. इसी क्रम वे रविवार की देर शाम भागलपुर पहुंचे. यहां उन्होंने कोतवाली थाना परिसर में बन रहे ईआरएसएस कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया.
बीएमपी के डीजी एके अंबेडकर इसके बाद सर्किट हाउस पहुंच कर भागलपुर रेंज के डीआईजी, भागलपुर एसएसपी और सिटी एसपी से कंट्रोल रूम के तैयार होने की प्रगति की विस्तृत जानकारी ली. सोमवार की सुबह उन्होंने डीआईजी कार्यालय में रेंज डीआईजी सुजीत कुमार, भागलपुर एसएसपी बाबू राम, बांका एसपी अरविंद गुप्ता और नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज के साथ बैठक की.
इसके बाद वह नवगछिया दौरे के पूर्व उन्होंने कहा कि डायल 112 को लागू करने को लेकर नवगछिया में बीएसएनएल के साथ आ रही समन्वय की कमी को जल्द दूर किया जायेगा. डीजी बीएमपी नवगछिया में ईआरएसएस कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के बाद जमालपुर स्थित बीएमपी कैंप पहुंचेंगे. वहां प्रशिक्षण ले रहे पुलिस कर्मियों और ईआरएसएस को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे.
मालूम हो कि डायल 112 सेवा की शुरुआत पहले चरण में बिहार के पटना समेत 10 जिलों के 500 थाना क्षेत्रों में की जायेगी. इसके लिए बिहार पुलिस ने 35 चार पहिया गाड़ियां खरीदी हैं. इन वाहनों को अन्य जरूरी संसाधनों से लैस किया जा रहा है. इसके अलावा नयी प्रणाली के लिए एक वेबसाइट, विशेष सॉफ्टवेयर, जीपीएस सिस्टम और कंट्रोल रूम भी तैयार किया गया है.
डायल 112 योजना के लिए अब तक 176 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस साल के अंत तक बिहार के सभी जिलों के 1094 थाना क्षेत्रों में डायल 112 की सेवा शुरू किये जाने की संभावना जतायी जा रही है. नयी इमर्जेंसी सेवा के शुरू होने के बाद पहले से चल रही अलग-अलग जरूरी सेवाओं के डायल नंबर बंद कर दिये जायेंगे.
डायल 112 चौबीस घंटे सातों दिन काम करेगी. इसके लिए बिहार रेडियो मुख्यालय के परिसर में अत्याधुनिक कॉल सह कंट्रोल सेंटर तैयार किया गया है. इनमें अधिकतर महिला सिपाहियों को ही ट्रेनिंग देकर कॉलर के रूप में बहाल किया गया है. सभी कर्मी तीन शिफ्ट में काम करेंगे. कोई भी कॉल आने के आधे घंटे में क्विक रिस्पांस टीम घटनास्थल पर पहुंच जायेगी. मालूम हो कि इमर्जेंसी रिस्पांस सर्पोट सिस्टम के तहत पूरे देश में डायल 112 को लागू किया गया है.