टीएमबीयू के पूर्व रजिस्ट्रार डाॅ गिरिजेश नंदन कुमार व टीएमबीयू प्रशासन के बीच विवाद गहराने लगा है. विवि प्रशासन ने आठ जनवरी काे तत्कालीन रजिस्ट्रार डाॅ कुमार को निलंबित किया था. इसको लेकर विवि एक्ट व सेवा संहिता के तहत कार्रवाई करने लिए राजभवन काे 14 फरवरी काे लिखा गये पत्र को लेकर डाॅ गिरिजेश नंदन कुमार ने विवि प्रशासन पर पलटवार किया है. पूर्व रजिस्ट्रार ने बताया कि कार्रवाई की अनुशंसा का पत्र दाे दिन पहले उन्हें प्राप्त हुआ है. निलंबन को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गयी है. मामला जब काेर्ट में है, ताे विवि की तरफ से इस तरह की गतिविधि नहीं हाेनी चाहिए थी. उनका निलंबन आठ जनवरी काे हुआ. विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया फरवरी में पूरी हुई. विवि के किस एक्ट के तहत निलंबन पहले कर दिया गया और कार्रवाई की प्रक्रिया बाद में की गयी.
कमेटी पर भी उठाया सवाल
पूर्व रजिस्ट्रार ने विभागीय कार्रवाई के लिए बनी कमेटी पर भी सवाल खड़ा किये हैं. उन्होंने बताया कि कमेटी में प्रस्तुतीकरण अधिकारी सीसीडीसी काे बनाया गया है, जबकि उन्हाेंने सीसीडीसी पर वाेकेशनल काेर्स के गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति पत्र वितरण करने पर आरोप लगाया था. मामले में वित्त शामिल है, ताे सीसीडीसी वितरण नहीं कर सकते थे. गौरतलब हो कि पूर्व रजिस्ट्रार पर विभागीय कार्रवाई के लिए 16 जनवरी काे तत्कालीन डीन प्राे संजय कुमार झा काे जांच अधिकारी व सीसीडीसी डाॅ एसी घाेष काे प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नियुक्त किया गया था. प्राे संजय झा के रिटायर हाेने पर 12 फरवरी काे टीएनबी काॅलेज के प्रभारी प्राचार्य प्राे एसएन पांडेय काे जांच अधिकारी बनाया गया. कमेटी ने डाॅ कुमार काे छह फरवरी काे अनिवार्य रूप से सशरीर उपस्थित हाेकर अपना पक्ष रखने काे कहा था. पूर्व रजिस्ट्रार कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में जांच काे पूरा मानते हुए कमेटी ने रिपाेर्ट दी. इसमें पूर्व रजिस्ट्रार पर कर्तव्य के प्रति लापरवाही, वरीय अधिकारी, राजभवन व राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना, उच्च स्तरीय बैठक में आदर्श सेवा संहिता के विरुद्ध आचरण के आरोप है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है