सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में करें सामुदायिक रसोई की व्यवस्था : आयुक्त
प्रमंडलीय आयुक्त दिनेश कुमार ने संभावित बाढ़ व सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में भागलपुर व बांका के पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. आयुक्त ने कहा है कि सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई और शरण स्थलों का चयन कर वहां स्वच्छ पानी, शौचालय व अवश्यकता होने पर जेनरेटर की व्यवस्था करें.
प्रमंडलीय आयुक्त दिनेश कुमार ने संभावित बाढ़ व सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में भागलपुर व बांका के पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. आयुक्त ने कहा है कि सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई और शरण स्थलों का चयन कर वहां स्वच्छ पानी, शौचालय व अवश्यकता होने पर जेनरेटर की व्यवस्था करें. प्रशिक्षित गोताखोरों की सूची मोबाइल व दूरभाष नंबर के साथ जिले के नियंत्रण कक्ष में रखें और इसकी सूची पंचायत के जनप्रतिनिधियों के बीच उपलब्ध करायें. जनवितरण प्रणाली के तहत मिलनेवाले राशन को संबंधित डीलर द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वितरण करवायें. गठित मेडिकल टीमों को जीवन रक्षक दवाइयों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से दौरा करें. साथ ही पशु चिकित्सकों को भी दवा के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने भेजें. सर्प बिषरोधी सूई, एंटी रेबिज टीका व ब्लिचिंग पाउडर पर्याप्त मात्रा में भंडारण करते हुए आपात स्थिति के लिए तैयार रहें. दो या तीन शरण स्थल संबद्ध करें और संबद्ध शरण स्थलों पर मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति निर्धारित समय पर कर लें. बिजली के क्षतिग्रस्त खंभों व तारों की मरम्मत, कवरिंग के साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों व पुलिया आदि की मरम्मत करायें. दोनों जिलों के डीएम को बाढ़ प्रभावित जिले में पशु आश्रय स्थल के साथ-साथ पशु-चारा की उपलब्धता व आवश्यकतानुसार भंडारण करने कहा. उन्होंने कहा कि दोनों जिलों के एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के समादेष्टा को अपनी सभी टीमों को अलर्ट मोड में रखें. जिले में टेंट, पंडाल, खाद्य सामग्री, पॉलीथिन शीट्स व अन्य आवश्यक समाग्रियों की आवश्यकतानुसार व्यवस्था करें.
—प्रमंडलीय आयुक्त ने संभावित बाढ़-सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में दिया निर्देशउपमुख्य संवाददाता, भागलपुर
प्रमंडलीय आयुक्त दिनेश कुमार ने संभावित बाढ़ व सुखाड़ की पूर्व तैयारियों के संबंध में भागलपुर व बांका के पदाधिकारियों को निर्देशित किया है. आयुक्त ने कहा है कि सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई और शरण स्थलों का चयन कर वहां स्वच्छ पानी, शौचालय व अवश्यकता होने पर जेनरेटर की व्यवस्था करें. प्रशिक्षित गोताखोरों की सूची मोबाइल व दूरभाष नंबर के साथ जिले के नियंत्रण कक्ष में रखें और इसकी सूची पंचायत के जनप्रतिनिधियों के बीच उपलब्ध करायें. जनवितरण प्रणाली के तहत मिलनेवाले राशन को संबंधित डीलर द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वितरण करवायें. गठित मेडिकल टीमों को जीवन रक्षक दवाइयों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से दौरा करें. साथ ही पशु चिकित्सकों को भी दवा के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने भेजें. सर्प बिषरोधी सूई, एंटी रेबिज टीका व ब्लिचिंग पाउडर पर्याप्त मात्रा में भंडारण करते हुए आपात स्थिति के लिए तैयार रहें. दो या तीन शरण स्थल संबद्ध करें और संबद्ध शरण स्थलों पर मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति निर्धारित समय पर कर लें. बिजली के क्षतिग्रस्त खंभों व तारों की मरम्मत, कवरिंग के साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों व पुलिया आदि की मरम्मत करायें.दोनों जिलों के डीएम को बाढ़ प्रभावित जिले में पशु आश्रय स्थल के साथ-साथ पशु-चारा की उपलब्धता व आवश्यकतानुसार भंडारण करने कहा. उन्होंने कहा कि दोनों जिलों के एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के समादेष्टा को अपनी सभी टीमों को अलर्ट मोड में रखें. जिले में टेंट, पंडाल, खाद्य सामग्री, पॉलीथिन शीट्स व अन्य आवश्यक समाग्रियों की आवश्यकतानुसार व्यवस्था करें.
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