विक्रमशिला केंद्रीय विवि के लिए 87.99 करोड़ विमुक्त, भू-अर्जन शुरू करने का निर्देश

बिहार सरकार द्वारा कैबिनेट से मंजूरी के बाद भागलपुर जिला अंतर्गत विक्रमशिला महाविहार ऐतिहासिक स्थल के समीप केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 87 करोड़ 99 लाख 81 हजार 355 रुपये जिला भू-अर्जन कार्यालय को विमुक्त कर दिया गया. इस राशि से कहलगांव के मलकपुर व अंतीचक मौजा के 205 एकड़ 49 डिसमिल भूमि अर्जन की जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2024 10:07 PM

बिहार सरकार द्वारा कैबिनेट से मंजूरी के बाद भागलपुर जिला अंतर्गत विक्रमशिला महाविहार ऐतिहासिक स्थल के समीप केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 87 करोड़ 99 लाख 81 हजार 355 रुपये जिला भू-अर्जन कार्यालय को विमुक्त कर दिया गया. इस राशि से कहलगांव के मलकपुर व अंतीचक मौजा के 205 एकड़ 49 डिसमिल भूमि अर्जन की जायेगी. जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने भू अर्जन की करवाई शीघ्र ही प्रारंभ करने के लिए जिला भू अर्जन पदाधिकारी को गुरुवार को निर्देशित किया. ——————– दिल्ली की संस्था बनायेगी डीपीआर विक्रमशिला विश्वविद्यालय स्थापना के लिए डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी स्कूल आफ प्लैनिंग एंड आर्किटेक्चर, नयी दिल्ली को सौंपी गयी है. डीपीआर बनने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल इसमें आगे की कार्रवाई करेगा. भू-अर्जन होने के बाद विश्वविद्यालय का निर्माण शुरू होगा. पीएम पैकेज, 2015 में अन्य बातों के साथ-साथ विक्रमशिला विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक स्थल पर भागलपुर के पास एक नये केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का भी प्रावधान है. शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2015 में बिहार सरकार से 500 एकड़ की उपयुक्त जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. राज्य सरकार के अनुरोध पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार शुरुआत में 200 एकड़ भूमि उपलब्ध करायेगी और भविष्य में विस्तार के लिए अन्य 300 एकड़ भूमि की पहचान करेगी. इसके बाद, फरवरी 2022 में इस मंत्रालय की स्थल चयन समिति (एसएससी) द्वारा बिहार राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित स्थलों का दौरा किया गया. स्थलों को उपयुक्त नहीं पाया गया, क्योंकि स्थल बाढ़ की आशंका वाला था. प्राचीन स्थल से दूर था और आसानी से पहुंच योग्य नहीं था. वर्ष 2024 में बिहार सरकार ने प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए कहलगांव के मलकपुर और अंतीचक में लगभग 205.05 एकड़ की एक और स्थल का प्रस्ताव दिया, जिसे इस मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है. ब्यौरा आधार पर योजना व वास्तुकला विद्यालय, नयी दिल्ली को विश्वविद्यालय के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है. —————— विवि बनने से शोध के कई कार्य होंगे ऐतिहासिक विक्रमशिला महाविहार कहलगांव अनुमंडल स्थित अंतीचक में स्थित है. वर्तमान में इसका भग्नावशेष बचा है. यह दुनिया के सबसे पुराने उच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल है. इसकी स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने की थी. अपनी स्थापना के तुरंत बाद ही यह अंतरराष्ट्रीय महत्व को प्राप्त लिया था. यहां बौद्ध धर्म और दर्शन के अतिरक्त न्याय, तत्वज्ञान, व्याकरण आदि की भी शिक्षा दी जाती थी. केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जो जमीन चिह्नित की गयी है, वह विक्रमशिला महाविहार के पास ही है. विवि बन जाने से अध्ययन, शोध व अध्यापन कार्य होगा और महाविहार का गौरव लौटेगा.

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