सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर डीएम सख्त, छापेमारी का निर्देश
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बैठक कर सिंगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध होने वाली कार्रवाई की समीक्षा की.
वरीय संवाददाता, भागलपुर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बैठक कर सिंगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध होने वाली कार्रवाई की समीक्षा की. सभी नगर निकायों से मार्च एवं अप्रैल में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोगकर्ता के विरुद्ध हुई कार्रवाई की रिपोर्ट ली गयी. कहलगांव नगर पंचायत ने बताया कि अप्रैल 2024 में उनके यहां 3.5 किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक की जब्ती की गई. नवगछिया नप ने बताया कि उनके यहां 5 किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक जब्त किया गया. सुल्तानगंज नगर परिषद ने अवगत कराया कि छापेमारी के दौरान 5600 रुपये जुर्माना की वसूली की है. भागलपुर नगर निगम ने बताया कि 10 हजार रुपये जुर्माना वसूली की गयी है. इस बैठक में हबीबपुर, अकबरनगर व सबौर नगर पंचायत की शून्य रिपोर्ट रही. जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि लगातार सब्जी मंडी एवं अन्य उपयोगकर्ता के विरुद्ध लगातार छापेमारी होनी चाहिए. बैठक में उप विकास आयुक्त कुमार अनुराग, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता सहित संबंधित पदाधिकारी थे. डीएम ने बायो मेडिकल वेस्ट के उठाव का जिओ लोकेशन वाला फोटो करवाने का दिए निर्देश जिलाधिकारी डॉo नवल किशोर चौधरी ने बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर संबंधित पदाधिकारी एवं सीएनर्जी कंपनी के साथ बैठक की. इसमें सिविल सर्जन अंजना कुमारी ने बताया की सदर अस्पताल सहित जिले की सभी अस्पतालों से एजेंसी द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट (जैव चिकित्सीय अपशिष्ट) का उठाव किया जा रहा है. सीएनर्जी एजेंसी के प्रतिनिधि बबलू नारायण ने बताया कि जिले के लगभग 675 क्लीनिक व नर्सिंग होम से वह बायो मेडिकल वेस्ट का उठाव कर रहे हैं. इसके लिए प्रतिदिन चार गाड़ियां चलती है. उठाव के लिए प्रतिमाह 1814 रुपये चार्ज किया जाता है. पशुपालन विभाग से उठाव नहीं हो रहा है. डीपीएम हेल्थ ने बताया कि करार के अनुसार 48 घंटे में एक बार कचरे का उठाव एजेंसी को करना है. नगर परिषद एवं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि कचरे का उठाव कर लिया जाता है, यह उन्हें मालूम नहीं है. जिलाधिकारी ने एजेंसियों को एक पंजी बना लेने की बात कही. जिसमें उठाव का समय, तिथि अंकित करने के साथ जिओ लोकेशन वाला फोटो करवाने का निर्देश दिया गया. सीएनर्जी के प्रतिनिधि ने बताया कि कंपनी द्वारा सभी संस्थाओं का बार कोडिंग किया जा रहा है, उसके लिए एक ऐप लेना होगा. इसके लिए 7078 रुपया प्रतिवर्ष देना होगा. उल्लेखनीय है कि आईएमए भागलपुर ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई है. जिलाधिकारी ने एजेंसी को इस तथ्य से अवगत कराते हुए न्यूनतम व्यय वाले विकल्प को अपनाने का सुझाव दिया है. बैठक में उप विकास आयुक्त, संयुक्त निदेशक जनसंपर्क सहित सभी संबंधित पदाधिकारी थे.
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