Doctor’s Protest: मायागंज व सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा रही ठप, शहर के 500 से अधिक निजी क्लिनिक रहे बंद

Doctor's Protest: मायागंज व सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा रही ठप, शहर के 500 से अधिक निजी क्लिनिक रहे बंद.जरूरतमंद मरीजों को ब्लड भी उपलब्ध कराया गया. इनमें रेल दुर्घटना में बुरी तरह घायल गोड्डा निवासी सहदेव दास का उपचार किया गया. हालांकि, इलाज में मरीजों को काफी विलंब हो रहा था.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 11:50 PM

Doctor’s Protest: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीजी छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पताल और क्लिनिक शनिवार को बंद रहे. डॉक्टरों ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (मायागंज अस्पताल) और सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद रखी. हालांकि, गंभीर व अति गंभीर मरीजों का इलाज मायागंज व सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग समेत निजी अस्पतालों में किया गया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आइएमए भागलपुर के आह्वान पर हड़ताल के समर्थन में शहर के 550 से अधिक डॉक्टरों ने अपने निजी अस्पताल व क्लिनिकों को बंद रखा. इस कारण शहर में सामान्य बीमारी से पीड़ित 10 हजार से अधिक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. इलाज के लिए मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों में खूब भटके, लेकिन इलाज नहीं होने के कारण मरीज व उनके परिजन निराश होकर घर लौट गये. मायागंज अस्पताल के ओपीडी में करीब 1700 व सदर अस्पताल के ओपीडी में 800 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये लौट गये.

Doctor’s Protest: सीनियर व जूनियर डॉक्टरों ने मिलकर किया प्रदर्शन

मायागंज अस्पताल में सीनियर व जूनियर डॉक्टरों ने मिलकर प्रदर्शन किया. इनमें 250 से अधिक जूनियर डॉक्टर, 90 से अधिक पीजी डॉक्टर समेत 100 से अधिक सीनियर डॉक्टर शामिल थे. जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को पूरी तरह बाधित कर दिया और मेन गेट पर ताला लगाकर धरना पर बैठ गये. ओपीडी में रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद कराया गया. वहीं डॉक्टर अपने चेंबर में गये ही नहीं. अस्पताल का यह नजारा देखकर ओपीडी में इलाज कराने आये सैकड़ों मरीज वापस लौट गये. डॉक्टर देर शाम तक धरने पर बैठे रहे. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ कुमार आदित्य ने बताया कि राज्य मुख्यालय से मिले निर्देश के अनुसार सोमवार के आंदोलन की रूपरेखा तय की जायेगी.

Doctor’s Protest: डॉक्टरों के समर्थन में आगे आये आमलोग

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आइएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ सोमेन कुमार चटर्जी ने बताया कि आमलोगों को भी डॉक्टरों के समर्थन में आगे आना चाहिये. लोगों को यह समझना चाहिये कि डॉक्टर किस विषम परिस्थिति में मरीजों का इलाज कर रहे हैं. शनिवार को हजारीबाग में भी डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना हुई है. इस स्थिति में पीड़ित मरीजाें का इलाज डॉक्टर कैसे करेंगे. डॉ चटर्जी ने कहा कि जिले में हमारा आंदोलन सफल रहा. 550 से अधिक डॉक्टरों समेत फिजियोथेरेपी, डेंटल व होमियोपैथी एसोसिएशन का समर्थन मिला. उन्होंने बताया कि सामान्य मरीजों को छोड़कर गंभीर मरीजों का इलाज निजी क्लिनिकों में हुआ है.

Doctor’s Protest: बच्चों को नहीं पड़ा टीका, गर्भवती महिलाओं की रूटीन जांच नहीं

हड़ताल में सबसे अधिक प्रभावित छोटे बच्चे और वृद्ध मरीज हुए. सदर अस्पताल में कई बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया. बाल्टी कारखाना मुहल्ले से आये परिजन ने बताया कि बेटी अलीशा को चार माह वाला डोज आज पड़ना था. तय समय पर ही टीका पड़ना चाहिये, जबकि हड़ताल के कारण टीका लेने सोमवार को बुलाया गया है. कई गर्भवती महिलाओं की रूटीन जांच भी नहीं हो पायी. यही स्थिति शहर के मायागंज समेत शहरी पीएचसी का रहा. सदर अस्पताल प्रभारी डॉ राजू ने बताया कि इमरजेंसी सेवा चलती रही. महिलाओं की डिलीवरी के साथ टीकाकरण भी हुआ. डॉक्टर हड़ताल पर थे, लेकिन नर्स ड्यूटी पर ही थीं. इधर, मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के सर्जरी वार्ड में कई गंभीर मरीजों का इलाज किया गया. ऑपरेशन थियेटर में घायलों का इलाज हुआ. जरूरतमंद मरीजों को ब्लड भी उपलब्ध कराया गया. इनमें रेल दुर्घटना में बुरी तरह घायल गोड्डा निवासी सहदेव दास का उपचार किया गया. हालांकि, इलाज में मरीजों को काफी विलंब हो रहा था.

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