उत्कृष्ट चिकित्सा के साथ समाज सेवा मिसाल हैं डॉ अजय सिंह

सिल्क सिटी के वरीय शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अजय सिंह उत्कृष्ट चिकित्सा के साथ-साथ अद्भुत समाज सेवा के मिसाल बन गये हैं. सड़क सुरक्षा को लेकर किये गये कार्यों के लिए उन्हें प्रदेश सरकार के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. नवंबर के तीसरे रविवार को हरेक साल सड़क यातायात पीड़ितों की याद में विश्व स्मरण दिवस मनाया जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 9:00 PM

सड़क यातायात पीड़ितों की याद में विश्व स्मरण दिवस पर विशेष

सिल्क सिटी के वरीय शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अजय सिंह उत्कृष्ट चिकित्सा के साथ-साथ अद्भुत समाज सेवा के मिसाल बन गये हैं. सड़क सुरक्षा को लेकर किये गये कार्यों के लिए उन्हें प्रदेश सरकार के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. नवंबर के तीसरे रविवार को हरेक साल सड़क यातायात पीड़ितों की याद में विश्व स्मरण दिवस मनाया जाता है. डॉ अजय सिंह ने स्वतंत्र रहकर चिकित्सा सेवा के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2000 में रेलवे डॉक्टर की नौकरी छोड़ दी. भागलपुर में पहला बच्चों का अत्याधुनिक अस्पताल खोला. अब तो वेंटिलेटर और ब्लड गैस एनलाइजर जैसे अत्याधुनिक उपकरण से एनआइसीयू को सुसज्जित कर न बचने वाले सैकड़ों नवजात की जिंदगी बचा रहे हैं. डॉ अजय के अनुसार यह उपकरण बिहार और झारखंड में कहीं उपलब्ध नहीं था. यहां तक कि पटना में भी यह तीन साल बाद आया. यानी बिहार झारखंड में नवजात शिशु के इलाज में आधुनिकीकरण में इनका संस्थान पायोनियर बन गया.

सड़क सुरक्षा को लेकर प्रदेशभर में चलाया अभियान

चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के बाद इन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा और जीवन जागृति सोसायटी संस्था का गठन कर जनता को जागरूक करने का बीड़ा उठाया. सुप्रीम कोर्ट के सड़क सुरक्षा के तहत मददगार यानि गुड सिमेरिटन को दिये गये विशेष प्रावधान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए रैली, गांव के मेले में नुक्कड़ नाटक, बौंसी मेले में, राजगीर मेले में स्टॉल लगाकर पंपलेट से प्रचार के साथ विभिन्न स्कूलों कॉलेजों में जाकर लोगों को जागरूक करना आदि को कार्यों में शामिल किया. इनके द्वारा सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए लगातार विभिन्न तरह से शॉर्ट फिल्म बनाये जा रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार सेवा शिविर लगाया.

अन्य सामाजिक कार्यों में भागीदारी

अपने संस्था के माध्यम से गंगा स्नान करने वाले को डूबने से बचाने के लिए अनूठा कदम उठाया और सैकड़ों लोगों को डूबने से बचाया. अब तो 90 प्रतिशत लोग बच रहे हैं. ये जीवनदायिनी सीपीआर का प्रशिक्षण स्कूलों में, कॉलेजों में, बैंक समेत अन्य संस्थानों में दे रहे हैं. इसके अलावा सर्प दंश जागरूकता अभियान चलाया. इनकी ओर से बटेश्वर स्थान, कहलगांव, बरारी भागलपुर सुल्तानगंज एवं मुंगेर के श्मशान घाटों में बैठने के लिए स्थायी कुर्सी की सुविधा दी गयी.

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