Durga Puja: निर्जला व्रत और सीने पर कलश, बिहार में मां दुर्गा के भक्तों की तपस्या की Photos देखिए…

Durga Puja 2024: बिहार में निर्जला व्रत रखकर अपने सीने पर कलश रखने वाले मां दुर्गा के इन भक्तों को जानिए. देखिए तपस्या की ये तस्वीरें...

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 6, 2024 11:57 AM

Durga Puja 2024: नवरात्रि 2024 के दौरान अभी बिहार समेत देशभर में भक्ति का माहौल है. बिहार में भी लोग माता दुर्गा की अराधना में लीन हैं. हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. कहीं दुर्गा पाठ हो रहा है तो कहीं मां दुर्गा के भक्त फलाहार करके अपनी अराधना पूरी कर रहे हैं. तरह-तरह से मां को अपनी भक्ति से खुश करने में श्रद्धालु लगे हैं. इस दौरान कई ऐसे भक्त भी दिखे हैं जो अपने सीने पर कलश स्थापित करके मां की साधना कर रहे हैं. निर्जला रहकर वो अपनी तपस्या में लगे हैं.

22 वर्षों से सीने पर स्थापित कर रहे कलश, नौ दिनों तक रहते हैं निर्जला

भागलपुर जिले के नवगछिया प्रखंड अंतर्गत जगतपुर गांव के शिव मंदिर परिसर के दुर्गा मंदिर में रोहतास जिले के भक्त अंबिका सिंह यादव उर्फ संतन दास त्यागी सीने पर मिट्टी का कलश रख कर मां की आराधना करते हैं. पिछले 22 सालों से दुर्गा पूजा में सीने पर कलश स्थापित करते आ रहे हैं. 70 साल की उम्र पार करने के बाद भी इनमें गजब का उत्साह है. अंबिका सिंह यादव उर्फ संतन दास त्यागी ने बताया कि अपने सीने पर 3 से 12 अक्टूबर तक कलश रखेंगे. इस दौरान निर्जला व्रत रखेंगे.

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पिछले 22 सालों से हर साल नवरात्रि में करते हैं यह तपस्या

भागलपुर के 70 वर्षीय इस साधक का कहना है कि मानव कल्याण हो, जगत कल्याण हो और धर्म की रक्षा हो, इसी निमित्त वे मां की आराधना करते हैं. उन्होंने कहा कि बस माता का आशीर्वाद है जो उनकी आराधना कर पाता हूं. उन्होंने बताया कि वो काशी, दिल्ली, गया, रोहतास सहित भागलपुर जिले में पिछले 22 सालों से अपने सीने पर कलश स्थापित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. माता का आशीर्वाद है. अपनी जन्मभूमि रोहतास जिला से शुरू की गयी यह साधना गुप्तेश्वरधाम, गया, काशी और दिल्ली में भी की गयी. जगतपुर में यह दूसरा वर्ष है.

अररिया में सीने पर कलश रख कर रहे मां की आराधना

वहीं अररिया जिले के फारबिसगंज शहर के पटेल चौक स्थित महावीर मंदिर में पुजारी पिंटू झा साधक अपने सीने पर कलश स्थापना कर मां भगवती की आराधना में लीन है. आस्था की डोर कितनी मजबूत होती है, इसी कड़ी को मजबूती से चरितार्थ कर रही है. आस्था व विश्वास के साथ के साथ अन्न व जल का त्याग कर मां दुर्गा की आराधना में अपने सीने पर कलश रख माता दुर्गा की पूजा-अर्चना में लीन है. मौके पर स्थानीय ने बताया कि शारदीय नवरात्र के प्रारंभ होने से पूर्व ही जल व अन्य का त्याग कर अपने सीने पर माता दुर्गा का कलश रख उनकी आराधना में जुट गए हैं. नवरात्र में अपने सीने पर कलश रख माता की पूजा-अर्चना करती है. वहीं शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में मां भगवती की पूजा-अर्चना की जा रही है.

मुंगेर में भक्त ने सीने पर कलश रखकर की अराधना

भागलपुर- मुंगेर जिले के सीमा कमराय चौक पर स्थित दुर्गा मंदिर में 24 घंटे सीने पर कलश रखकर एक भक्त दूसरे साल भी हठयोगी साधना कर रहे हैं. नवरात्रि के प्रथम पूजा के दिन पंडित मुकेश कुमार झा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 31 वर्षीय विश्वजीत कुमार सिंह ने सीने पर कलश स्थापित कराया है. विश्वजीत की पत्नी अवंतिका देवी ने कहा कि पूरे नौ दिनों तक किसी भी प्रकार का आहार नहीं लेते हैं. केवल चेहरा को तुलसी और गंगाजल से पोछा जाता है.विश्वजीत सिंह दूसरी साल मां के दरवार में सीने पर कलश स्थापित कराई गई है, और तीन साल करवायेंगे.

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