स्थापना काल में कम्युनिस्ट पार्टी की लड़ाई साम्राज्यवाद से थी, अब नव उदारवाद से
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हुई थी. इस वर्ष पार्टी शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर गयी है. जिस समय पार्टी की स्थापना हुई,
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हुई थी. इस वर्ष पार्टी शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर गयी है. जिस समय पार्टी की स्थापना हुई, उस समय लड़ाई साम्राज्यवाद से थी और आज नव उदारवाद से है. नव उदारवादी व्यवस्था में वित्त पूंजी ने देश के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. उक्त बातें राष्ट्रीय सचिव सह पूर्व सांसद काॅ नागेंद्रनाथ ओझा ने गुरुवार को भीखनपुर स्थित पार्टी कार्यालय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए कही.
समारोह से पहले पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला. इसके बाद पार्टी के तमाम शहीदों के स्मरण करते हुए सभी कम्युनिस्टों ने शहीद वेदी पर पुष्पांजलि और माल्यार्पण किया. नागेंद्रनाथ ओझा ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गौरवशाली इतिहास रहा है. आजादी की लड़ाई में कम्युनिस्ट पार्टी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. बिहार राज्य कार्यकारिणी के सदस्य डॉ सुधीर शर्मा ने कहा कि पार्टी के इतिहास के अवलोकन से हमें गर्व होता है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ने आजादी की लड़ाई में भाग लिया और अनेकों साथी शहीद हो गये. समारोह को पार्टी के जिला सचिव देव कुमार यादव, पूर्व जिला सचिव बालेश्वर गुप्ता, एआइवाइएफ के राज्य अध्यक्ष संजीत सुमन, पूर्व जिला पार्षद विकास भारती, निरंजन चौधरी, बलराम निराला, मनोहर शर्मा, छोटेलाल यादव, अनीता शर्मा, भोला यादव ने संबोधित किया. अध्यक्षता तुंगनाथ तिवारी ने की. मौके पर राजकिशोर मंडल, अशोकयादव, राजेंद्र कुमार पप्पू, महिकलाल यादव, रामदेव सिंह, गणेश सिंह, वकील मंडल, सिकंदर यादव, शिवचंद सिंह, हिमांशु कुमार, परमानंद मंडल, सचिन कुमार, गोपाल राय, छात्र नेता संतोष कुमार, अवधेश राय, आदित्य राज, अभिमन्यु मंडल, मनोहर शर्मा आदि उपस्थित थे.
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