– सीमा क्षेत्र के कई कारोबारी रडार पर पीरपैंती. शुक्रवार की शाम ईडी की टीम 10 गाड़ियों में पारा मिलिट्री फोर्स के साथ एसडीपीओ-2 कार्यालय के बगल में पूर्व में जमा की गयी सीटीएस कंपनी की गिट्टी डिपो पर पहुंची. टीम के सदस्यों ने कंपनी की जब्त गिट्टी की पहले ली गयी तस्वीर से अभी की स्थिति में कमी पायी. मामले में एसडीपीओ-2 डॉ अर्जुन कुमार गुप्ता से भी पूछताछ की. एसडीपीओ ने टीम को बताया कि उनके कार्यालय बनने के बाद से गिट्टी का किसी के द्वारा उठाव नहीं किया गया है. जानकारी के अनुसार यहां छापेमारी के पहले टीम ने सीटीएस कंपनी के झारखंड स्थित साहेबगंज के क्रशर व खदान पर भी छापेमारी की है. एक घंटे की जांच के बाद टीम साहेबगंज की ओर चली गयी. चर्चा है कि बिहार-झारखंड के कई लोग भी गिट्टी के गोरखधंधे में ईडी के रडार पर हैं. रेलवे के रैक से सीटीएस कंपनी करती थी गिट्टी आपूर्ति कंपनी द्वारा रेल रैक से अलग-अलग जगहों पर गिट्टी की आपूर्ति की जाती थी. जिसे संग्रहित कर रखने के लिए इस जगह का चयन किया गया था. यहां झारखंड से गिट्टी ढुलाई कर जब पर्याप्त हो जाता था, तो उसे रैक पर लोड कर भेज दिया जाता था. इस पर किसी ने शिकायत कर दी कि गिट्टियों का स्थानीय स्तर पर झारखंड के ही चालान पर काम किया जा रहा है. जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. खनन व अन्य जांच एजेंसियों द्वारा वर्ष 2021 में छापेमारी की गयी थी. कांड संख्या 16/21 दर्ज कर जब्त गिट्टी पीरपैंती थाना को जिम्मेनामा किया गया था. इसके बाद गिट्टी की ढुलाई बंद हो गई थी लेकिन पुनः ईटीआइटी कंपनी द्वारा 31 जनवरी 2022 से रैक ढुलाई शुरू कर दी गयी. जो पुनः अज्ञात कारणों से बंद हो गयी. इस बीच पीरपैंती थाना में चौकीदार के फर्द बयान पर अज्ञात लोगों पर गिट्टी चोरी का मामला दर्ज किया गया था. उक्त जानकारी एसडीपीओ-2 ने ईडी के अधिकारियों को दी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है