लोकसभा चुनाव और जल संकट ने बुनकरों की बढ़ाई परेशानी, 50 फीसदी तक प्रभावित हुआ कारोबार

लोकसभा चुनाव लंबा खींचने से भागलपुर के बुनकरों के कारोबार में भारी गिरावट आई है. करीब 50 फीसदी तक कारोबार प्रभावित हो गया है. इसके अलावा पानी की कमी की वजह से कपड़े की फिनिशिंग व रंगाई में परेशानी हो रही है.

By Anand Shekhar | May 21, 2024 5:40 AM

भागलपुर. एक ओर जहां सूत की कीमत बढ़ने से बुनकरों के सिल्क व अन्य कपड़े तैयार करने का काम प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव लंबा हो जाने से बुनकरों की परेशानी बढ़ गयी है. पहले जहां प्रतिमाह 100 करोड़ से अधिक का कारोबार होता था, वहीं घटकर 50 करोड़ से भी नीचे पहुंच गया है. इतना ही नहीं भीषण गर्मी और जलस्तर नीचे जाने पर बुनकरों को पानी संकट झेलना पड़ रहा है. इससे उन्हें कपड़े की फिनिशिंग व रंगाई में परेशानी हो रही है.

देश के अलग-अलग हिस्से में मेला व प्रदर्शनी में आयी कमी

बुनकर बहुल क्षेत्र नाथनगर, चंपानगर, हुसैनाबाद, बड़ी खंजरपुर, सराय आदि में कभी-कभी बुनकरों को बिजली संकट से भी परेशानी होती है. युवा सिल्क कारोबारी तहसीन सबाब ने बताया कि चुनाव के कारण देशभर में सिल्क कारोबार के लिए ट्रांसपोर्टिंग में दिक्कत आ रही है. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्से में मेला व अन्य प्रदर्शनी बंद हो गयी है. इससे भी बुनकरों का कारोबार प्रभावित हुआ. घरेलू बाजार में सिल्क, लिनेन व कॉटन कपड़ों का कारोबार प्रभावित हो रहा है. साथ ही बताया कि बाजार में धागा उपलब्ध नहीं है. इससे कपड़ा उत्पादन प्रभावित हुआ है. यहां से कपड़ा पटना, मुंबई, दिल्ली आदि भेजते थे. व्यवसायी लेने को तैयार नहीं है. ट्रांसपोर्ट में माल फंसा हुआ है.

25 हजार से अधिक पावरलूम, हैंडलूम व रंगाई केंद्र पड़ी धीमी

नाथनगर के बुनकर मो मुर्तजा ने बताया कि चुनाव लंबा खींच जाने से कच्चे माल की कमी ने व्यवसायी व बुनकरों की कमर तोड़ दी है. भागलपुर व आसपास क्षेत्रों में 50 करोड़ प्रतिमाह कारोबार प्रभावित हुआ है. दो माह होने को है. जिले के 25 हजार पावरलूम, हैंडलूम व रंगाई केंद्र धीमी पड़ गयी है. कपड़ा उद्योग से जुड़े 80 हजार से अधिक बुनकरों की हालत खराब है.

पुराना ऑर्डर हो रहा घाटे का सौदा

बुनकर मो चांद ने बताया सिल्क कारोबारियों को पुराने ऑर्डर पूरा करना घाटा का सौदा साबित हो रहा है. यहां अधिकांश धागा विदेशों से आयात किया जाता है. धागे के दाम पहले से 50 से 100 रुपये प्रति किलो बढ़ गया है. सिल्क धागे के बढ़े दाम के कारण नया ऑर्डर भी मिलना बंद हो गया है. उस हिसाब से सिल्क वस्त्रों के दाम भी बढ़ चुके हैं. यहां रोजाना 40 लाख से अधिक का सिल्क व लिनन वस्त्रों का कारोबार प्रभावित हो रहा है. उन्होंने बताया कि ईरान व इजरायल में तनाव बढ़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार भी प्रभावित हो रहा है. चुनाव और पेयजल संकट बुनकरों के लिए अधिक परेशानी बनी हुई.

Also Read: गया में जलापूर्ति पाइप में मोटर लगाकर पानी खींच रहे लोग, अब होगी कार्रवाई

Next Article

Exit mobile version