गंगा किनारे तटबंध निर्माण के लिए सर्वे करनेवाली टीम का हुआ गठन
तटबंध निर्माण के लिए एक टीम सर्वे करेगी, जिसका गठन किया गया है. टीम में जगदीशपुर व सबौर के सीओ, छह अमीन और चार कर्मचारियों को शामिल किया गया है. यह तटबंध 10 किलोमीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और छह मीटर ऊंचा बनेगा.
बाढ़ के दौरान गंगा नदी के कटाव को रोकने के लिए बरारी से सबौर तक तटबंध का निर्माण होगा. इसे लेकर जल संसाधन विभाग ने उच्चस्तरीय तकनीकी टीम को भागलपुर भेजा था. टीम ने गत दो अप्रैल को जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी के साथ कटाव क्षेत्र का भ्रमण किया और गंगा नदी की दायीं ओर बरारी से आठ किलोमीटर तक डाउनस्ट्रीम में तटबंध निर्माण की विजिबिलिटी का आकलन किया था. अब इस कार्य के लिए जिला प्रशासन ने एक और कदम बढ़ा दिया है. तटबंध निर्माण के लिए एक टीम सर्वे करेगी, जिसका गठन किया गया है. टीम में जगदीशपुर व सबौर के सीओ, छह अमीन और चार कर्मचारियों को शामिल किया गया है. यह तटबंध 10 किलोमीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और छह मीटर ऊंचा बनेगा. जिलाधिकारी ने जल संसाधन विभाग के अपर मुख्यसचिव को गत 25 मार्च को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था कि भीषण बाढ़ के समय गंगा नदी का पानी आसपास के खेत पर चढ़ जाता है. इसके कारण भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, दिल्ली पब्लिक स्कूल, सबौर कृषि विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी व समीप के रजंदीपुर, बाबूपुर, इंग्लिश फरका क्षेत्र में कटाव होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही एनएच-80 पर दो से तीन फीट तक पानी ओवरफ्लो करने लगता है. इसके कारण भागलपुर व कहलगांव का संपर्क टूट जाता है. इससे आवागमन और कम्युनिकेशन दोनों बाधित हो जाता है. भीषण बाढ़ के दौरान गंगा नदी के दाईं ओर अवस्थित प्राथमिक विद्यालय रानी दियारा, मध्य विद्यालय रानी दियारा, प्राथमिक विद्यालय मोहनपुर दियारा गंगा के तट में कट कर विलीन हो चुके हैं.
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