टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग में सोमवार को ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित किया गया. कार्यक्रम का विषय बिहार की पीड़ा और प्रयास था. विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार ने कहा की बिहार की पीड़ा और प्रयास को यदि समेकित रूप में देखें, तो आज स्थानीय साधन, हुनर, कौशल के आधार पर उद्योग लगाने की आवश्यकता है. इसमें कम लागत में ज्यादा लाभ मिल सकता है. उन्होंने रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने व संगठित प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया. प्रो मनोज कुमार ने कहा की गौरवशाली इतिहास पर इठलाने की बजाय चिंतन बदलाव की आवश्यकता है. मुख्यवक्ता ए प्रियदर्शी ने कहा कि 35 फीसदी आरक्षण तमिलनाडु के बाद सिर्फ बिहार में है. आज भ्रष्टाचार गपशप का विषय हो गया है. विकास समावेशी और रोजगार पैदा करने वाला हो. अन्यथा महंगाई बढ़ेगी. डॉ उमेश प्रसाद नीरज ने कहा कि बुद्ध, महावीर व अशोक की कर्मभूमि को आधुनिक विश्व संपूर्ण समस्या के लिए आशा भरी निगाह से देख रहा है. भारत के मनीषी महात्मा गांधी की कर्म भूमि भी बिहार ही है, लेकिन आज बिहार उपेक्षित है. कार्यक्रम को प्रो मनोज कुमार दास, डॉ विकास नारायण उपाध्याय, डॉ हरेंद्र कुमार, प्रो रतन मंडल, उदय, लखन लाल पाठक, सुरेंद्र भाई ने भी संबोधित किया. इस मौके पर डॉ देश राज वर्मा, डॉ अमित रंजन सिंह, गौतम कुमार, डॉ देशराज वर्मा, डॉ सीमा कुमारी, नरेन नवनीत, प्रिंस कुमार, सागर शर्मा, शंकर कुमार आदि मौजूद थे.
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TMBU : रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने व संगठित प्रयास पर जोर
टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग में सोमवार को ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित किया गया.
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