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विवि में कर्मचारियों ने किया हंगामा

टीएमबीयू के कुलपति के बिना आदेश के कर्मचारियों के वेतन से की गयी कटौती मामले को लेकर विवि कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन में बुधवार को जमकर हंगामा किया

टीएमबीयू के कुलपति के बिना आदेश के कर्मचारियों के वेतन से की गयी कटौती मामले को लेकर विवि कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन में बुधवार को जमकर हंगामा किया. रजिस्ट्रार विकास चंद्र, एसओ शैलेश चक्रवर्ती व सर्वानंद प्रसाद के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा. उक्त दोनों कर्मचारियों के क्रियाकलाप को लेकर भड़क गये. उक्त दोनों कर्मी के साथ धक्का-मुक्की किया. मौके पर पहुंचे कर्मचारी नेताओं ने दोनों कर्मचारी का हंगामा के बीच से निकाला और विवि प्रशासनिक भवन से बाहर चले गये. इसके बाद ही कर्मचारियों का गुस्सा शांत हुआ. इस दौरान रजिस्ट्रार भी कर्मचारी के उग्र आंदोलन को देखते हुए किनारे से निकल गये. दूसरी तरफ वेतन से की गयी कटौती मामले में एक सप्ताह पहले कर्मचारियों व रजिस्ट्रार के बीच समझौता हुआ था. इस बाबत बुधवार को रजिस्ट्रार ने वेतन कटौती से संबंधित फाइल पर लीगल एडवाइस लेने की बात लिख पूरे मामले से निकलना चाह रहे थे. इस बात की जानकारी विवि के कर्मचारियों को मिली. इसके बाद कर्मचारियों ने विवि में हंगामा शुरू कर दिया. बता दें कि हाइकोर्ट ने वेतन कटौती मामले में रोक लगा दिया है. कुछ दिन पहले इसी मामले को लेकर विवि कर्मचारियों ने धरना भी दिया था. विवाद गहराने पर कुलपति के हस्तक्षेप के बाद रजिस्ट्रार व कर्मचारियों के बीच उनकी मांगों को पूरा करने के लिए समझौता हुआ था. कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के गेट पर रजिस्ट्रार को घेरा बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रार वेतन कटौती से जुड़ी फाइल पर लीगल एडवाइस लेने की बात लिखकर अपने कार्यालय से निकल कर बाहर निकलने की तैयारी कर रहे थे. सूचना मिलने के बाद उग्र कर्मचारी रजिस्ट्रार के पीछे भागे. उन्हें विवि प्रशासनिक भवन के गेट पर घेर लिया और सवाल-जबाव करने लगे. कर्मचारियों ने रजिस्ट्रार पर कई गंभीर आरोप भी लगाये. कर्मचारी नेताओं ने पूछा कि हाइकोर्ट से आदेश आने के बाद रजिस्ट्रार ने अपना वेतन जारी कर लिया. उस समय भी लीगल एडवाइस क्यों नहीं लिया. अब कर्मचारियों के वेतन कटौती पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दिया है, तो कर्मचारी अपने वेतन से काटी गयी राशि को वापस करने की मांग कर रहे हैं, तो रजिस्ट्रार लीगल एडवाइस लेने के बात कह कर मामले को फंसाने का काम कर रहे हैं. कर्मचारी नेताओं का कहना था कि पूर्व में मांग को पूरा करने को लेकर समझौता हो चुका है. कर्मचारियों के आक्रोश के बाद रजिस्ट्रार सीधे एफए के कार्यालय पहुंचे. यहां भी रजिस्ट्रार के रवैये को लेकर हंगामा किया. एफए ने आंदोलित कर्मचारियों को शांत कराया. फिर कर्मचारी, रजिस्ट्रार, एफओ के बीच वार्ता शुरू हुई. एफए ने पूछा वेतन कटौती के लिए वीसी की अनुमति मिली, चुप रहे गये पदाधिकारी व कर्मचारी एफए दिलीप कुमार वार्ता के क्रम में रजिस्ट्रार व उक्त दो कर्मचारी से पूछा कि वेतन से कटौती मामले में क्या कुलपति ने लिखित रूप में मंजूरी दी थी. पदाधिकारी व दोनों कर्मचारी चुपचाप रह गये. एक-दूसरे का मुंह देखने लगे. इसे लेकर एफए ने भी नाराजगी जतायी. कहा कि वेतन कटौती की मंजूरी नहीं मिली, तो वेतन से काटी गयी राशि वापस करने के लिए वे अनुमति किस आधार पर देंगे. इसके बाद बंद कमरा में एफए, एफओ, रजिस्ट्रार, दोनों कर्मचारी व कुछ कर्मचारी नेता के बीच वार्ता हुई. इसके बाद संबंधित फाइल को सुधार किया गया, ताकि राशि वापस करने में परेशानी नहीं हो. साथ ही एरियर के भुगतान को लेकर भी फाइल फाइनल कर दी गयी. दोनों फाइल कुलपति को भेजी गयी. वहीं, कुलपति प्रो जवाहर लाल एफए को जरूरी निर्देश दिये हैं. इसे लेकर दोनों अधिकारी विवि पहुंचे. कर्मचारियों की मांगों से जुड़ी फाइलों पर की गयी प्रक्रिया काे आगे बढ़ाने में लगे थे. विवि के कर्मचारी भी देर शाम तक विवि में ही डटे रहे. बजट पदाधिकारी को भी घेरा आक्रोशित कर्मचारियों ने विवि के बजट पदाधिकारी सीडीओ अनिल कुमार सिंह का भी विवि में घेराव किया. उन्हें भी कर्मचारियों ने खरी-खौटी सुनायी. कर्मचारियों ने कहा कि वे हाइकोर्ट से वेतन कटौती पर रोक लगने का आदेश जारी हो चुका है. ऐसे में बजट पदाधिकारी के रूप में क्या कार्रवाई की गयी. जबकि बजट में वेतन कटौती करने की प्रक्रिया तेजी से की गयी. अब हाइकोर्ट का आदेश है, तो बजट में उसे जोड़ने की प्रक्रिया में ढिलाई क्यों बरती जा रही है. बजट पदाधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि मामले में कार्रवाई की जायेगी. फाइल में लिखा, दबाव बनाया जा रहा, फिर भड़के कर्मचारी वेतन कटौती से जुड़ी फाइल में एसओ शैलेश चक्रवर्ती ने लिखा था कि कर्मचारियों के दबाव बनाये जाने के कारण फाइल बढ़ायी जा रही है. यह बात सुन फिर कर्मचारी एफए कार्यालय में ही भड़क गये. एफओ व एफए ने शांत कराया. उधर, विवि कर्मचारी संघ के सचिव सह सीनेट सदस्य रंजीत कुमार ने कहा कि बिना कुलपति के आदेश वेतन कटौती प्रक्रिया की गयी, लेकिन विवि के अधिकारी मौन रहे. ऐसे में कर्मचारी अब फिर से कोर्ट के शरण में जाने की तैयारी कर रहा है. वहीं, सीनेट सदस्य मुजफ्फर अहमद ने कहा कि रजिस्ट्रार व दो कर्मचारी के कारण विवि का माहौल खराब हो रहा है. सीनेटर ने इसकी निंदा की है. साथ ही कर्मचारियों से अपील किया है कि संयम से काम लें. कोट – विवि में हंगामा की सूचना मिली है. कर्मचारियों के आरोप के आधार पर संबंधित फाइल की गहन समीक्षा करने का निर्देश जारी किया गया है. तथ्य सामने आने के बाद बताया जायेगा. प्रो जवाहर लाल, कुलपति टीएमबीयू ———————————————————– कर्मचारियों के वेतन कटौती मामले फाइल की जांच की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि किसके आदेश पर कटौती की गयी है. सारी चीजें सामने आने के बाद ही मामले में स्पष्ट रूप से बताया जा सकेगा. – दिलीप कुमार, एफए

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