टीएमबीयू में छह सूत्री मांगों को लेकर 30 अगस्त को कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर विवाद गहराने लगा है. कॉलेज व विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ आमने-सामने हैं. ऐसे में दोनों तरफ से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया जा रहा है. दरअसल, बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रक्षेत्रीय मंत्री सुशील मंडल छह सूत्री मांगों को लेकर विवि में उक्त तिथि में आंदोलन सह हड़ताल पर जायेंगे. वहीं, विवि कर्मचारी संघ के महासचिव ने आंदोलन में सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया है. इसके बाद दोनों संघ के बीच विवाद गहराने लगा है. बता दें कि हाइकोर्ट ने आदेश जारी कर वेतन कटौती पर रोक लगा दिया है. इसके बाद विवि कर्मियों द्वारा पूर्व में वेतन में कटौती की गयी राशि वापस करने की मांग की जा रही है. साथ ही एरियर का भुगतान, एसीपी व एमएसीपी का लाभ देने, प्रोन्नति सहित बकाया भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. विवि संघ ने महासंघ के कर्मियों को किया अपमान : सुशील मंडल बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रक्षेत्रीय मंत्री सुशील मंडल ने कहा कि विवि कर्मचारी संघ के महासचिव सह कर्मचारी सीनेट सदस्य रंजीत कुमार का बयान जिस तरह से सामने आया है, उन्हें वो शोभा नहीं देता है. उनका बयान महासंघ के कर्मियों को अपमानित करने वाला है. महासंघ के मामले में कोर्ट ने आदेश जारी कर रोक लगाया है. इसमें विवि कर्मचारी संघ कहीं से नहीं आता है. कर्मचारी नेता ने कहा कि विवि प्रशासन से विवि कर्मचारी संघ की मांगों को लेकर समझौता हुआ है. कॉलेज महासंघ के साथ समझौता नहीं हुआ है. ऐसे में कॉलेज कर्मचारी महासंघ पर यह लागू नहीं होता है. विवि प्रशासन से सभी मांगों पर समझौता हो चुका है : महासचिव विवि कर्मचारी संघ के महासचिव सह कर्मचारी सीनेट सदस्य रंजीत कुमार ने कहा कि पांच सूत्री मांगों को लेकर विवि प्रशासन से समझौता हो चुका है. कुलपति व रजिस्ट्रार ने समझौता पर मुहर लगा दी है. ऐसे में विवि संघ ने निर्णय लिया है कि सभी मांगों पर सहमति बन चुकी है, फिर आंदोलन या हड़ताल पर जाना उचित नहीं है. ऐसे में संघ के अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि 30 अगस्त को होने वाले कॉलेज कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन नहीं करेंगे. कर्मचारी सीनेट सदस्य पीजी ही नहीं, सभी कॉलेज के हैं. ऐसे में यह कहना कि केवल विवि के कर्मचारियों का समझौता हुआ है, यह गलत है.
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