भागलपुर जिले के रानी दियारा में एसटीएफ की कारवाई में दो कुख्यात अपराधी मारे गये. घटना बुधवार की सुबह करीब चार बजे की है. जानकारी के मुताबिक दियारा क्षेत्र के दुर्गम इलाके में अपराधियों के शरण लेने की इनपुट पर एसटीएफ ने छापेमारी अभियान चलाया. इस दौरान अहले सुबह अपराधियों व एसटीएफ में मुठभेड़ हो गया, जिसमें दो अपराधियों को मार गिराया गया. दोनों ओर से कई राउंड गोली बारी भी हुई.
चंद्रशेखर कापड़ी के विरुद्ध आठ कांड दर्ज हैं व मनोहर मंडल के विरुद्ध एक कांड दर्ज हैं. साथ ही चंद्रशेखर के चार साथियों को गिरफ्तार भी किया गया. दो .315 रेगुलर राइफल, एक 12 बोर रेगुलर बंदूक, दो .315 मस्केट राइफल, एक कट्टा, 12 बोर जिंदा कारतूस 46, .315 बोर ज़िंदा कारतूस 17 घटनास्थल से बरामद किया गया है.
चार दिन पूर्व कटाव पीड़ितों के अस्थाई ठौर पर घोड़े पर दिखा थामारा गया अपराधी चंद्रशेखर कापड़ी उर्फ कुल्हाड़ी बॉस अपने साथियों के साथ चार दिन पूर्व कटाव पीड़ितों के अस्थाई ठौर पर घोड़े पर दिखा था. इसकी सूचना पुलिस को मिली थी. पुलिस ने यह इनपुट एसटीएफ को दिया और कुल्हाड़ी बॉस बुधवार को घिर गया.
बताया जा रहा है कि पीरपैंती स्थित रानी दियारा का 50 हजार का इनामी कुल्हाड़ी बॉस की हुकूमत गंगा के आर-पार करीब एक दशक से चलता आ रहा है. पिछले वर्ष ही इसका पुश्तैनी घर भी गंगा कटाव की भेंट चढ़ चुका है. फिलहाल इसके परिजन शिवनारायणपुर में झोपड़ी बना कर रह रहे हैं. इसका एक भाई हाल ही में एक हत्या के जुर्म में जेल में है. अन्य एक भाई कुल्हाड़ी गैंग व उसके हथियारों को पनाह देने के जुर्म में अक्सर पुलिस के हत्थे चढ़ते रहता है.
गंगा के आर-पार फसल लूट, मछली लूट इस गैंग का मुख्य पेशा है. इस गैंग में दर्जन भर सदस्य हैं. सभी के पास असलाहा है. हाल ही में इस गैंग के एक सदस्य की हत्या कटिहार जिला अंतर्गत गंगा-कोसी दियारे में हो गयी थी. तब से यह गैंग अब कोसी धार व दियारा नहीं जाता है. वहां उसके दुश्मन बहुत हो चुके हैं. बिहार के कटिहार- भागलपुर में पुलिस ने एनकाउंटर में 2 कुख्यात अपराधियों को मारने तथा Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
कुख्यात अपराधी रानी दियारा के चंद्रशेखर कापरी उर्फ कुल्हाड़ी उर्फ लहोरिया छोटी सी उम्र से ही कुख्यात था. बात-बात पर सामने वाले पर दनादन गोली दागने में कुख्यात कुल्हाड़ी अपने गैंग के साथ दियारा में घूमता रहता था.
Posted By: Thakur Shaktilochan