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सरकारी रजिस्टर में उद्यमी, हकीकत में कुछ और, भागलपुर के ऐसे 30 लोग चिह्नित

प्रदेश सरकार की ओर से एक बार फिर मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जिले के लोगों को उद्यमी बनाकर अधिक से अधिक रोजगार सृजन करने का अवसर प्रदान किया गया है.

दीपक राव, भागलपुर

प्रदेश सरकार की ओर से एक बार फिर मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जिले के लोगों को उद्यमी बनाकर अधिक से अधिक रोजगार सृजन करने का अवसर प्रदान किया गया है. तीन साल तक इन योजनाओं का लाभ भागलपुर समेत पूरे प्रदेश के लोगों को मिला है. जिला उद्योग केंद्र की मानें तो रजिस्टर पर भागलपुर के 856 लोग मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्यमी हैं. हकीकत कुछ और है. 30 लोगों ने लाभ लेकर उद्योग लगाना तो दूर एक कदम बढ़ाना भी उचित नहीं समझा.

छापेमारी कर 18 संबंधित लाभार्थियों को दिया पिंक नोटिसजिला उद्योग केंद्र की ओर से ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है, ताकि रोजगारोन्मुख कार्यक्रम को जिले में तेजी से चलाया जा सके. महाप्रबंधक खुशबू कुमारी ने बताया कि उन्होंने छापेमारी टीम का गठन किया और टीम के साथ खुद अब तक कहलगांव, जगदीशपुर, नवगछिया आदि क्षेत्रों में छापेमारी अभियान चलाया. जिसमें 18 लोगों के निर्धारित स्थलों पर छापेमारी की गयी. यहां किसी तरह की कोई औद्योगिक गतिविधि नहीं दिखी और न ही इकाई लगाने के लिए कोई उपक्रम किया गया था. कोई कल-पूर्जे, मशीन व अन्य संसाधन भी नहीं दिखे. जब संबंधित लाभार्थी से पूछताछ की गयी तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. अक्षय कुमार, सुनीता देवी, मुन्ना कुमार समेत 18 लोगों के यहां छापेमारी की गयी. अन्य चिह्नित लोगों के यहां भी छापेमारी जारी है.

एक महीने की दी गयी मोहलत, शुरू करें उपक्रम, नहीं तो लौटाएं पैसेएक-एक लाभार्थी का यहां तक कहना था कि सरकार की योजना थी, तो लाभ ले लिया. पैसा सरकार का लिया है. दूसरे को क्या मतलब. सरकार जनता को लाभ दे रही है. इकाई लगायें या नहीं. इस दौरान सभी लाभार्थी को सख्ती से चेतावनी दी गयी कि यह योजना सरकार की ओर से रोजगार के लिए मिली है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके. इकाई एक खुलेगी, लेकिन रोजगार उनके आसपास के लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मिलेगा. पहली बार उन्हें पिंक नोटिस दिया गया और एक माह की मोहलत दी गयी, ताकि इकाई लगाने की दिशा में कदम बढ़ाएं या नहीं तो पूरा पैसा सरकार को लौटाएं. एक माह बाद फिर छापेमारी करके रेड नोटिस दिया जायेगा.

क्या है मुख्यमंत्री उद्यमी योजना

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना प्रदेश सरकार की ओर से 2021 में शुरू की गयी थी. योजना के तहत लाभुकों को 10 लाख रुपये चयनित औद्योगिक इकाई लगाने के लिए दिये जाते हैं. इसमें 50 प्रतिशत अर्थात पांच लाख रुपये विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत अनुदान दिया जाता है. बाकी के पांच लाख रुपए 84 समान किश्तों में यानि कि सात सालों में अदा करना है, जो कि ब्याज मुक्त होता है. इस योजना के अंतर्गत केवल नये उद्योगों की स्थापना के लिए रकम दी जाती है. इस योजना के अंतर्गत 51 तरह के उद्यम किये जा सकते हैं. इसमें ऑयल मिल, दाल मिल, नोटबुक उत्पादन, पावरलूम, पशु आहार, बेकरी बड़ई, मधु उत्पादन, मसाला उत्पादन, होटल आदि प्रमुख हैं. यह योजना बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है.कोट

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत सरकार को धोखे में रखने वाले लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी है. पहले पिंक नोटिस मिला है, फिर रेड नोटिस और फिर पीडीआर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. सरकार की ओर से मिला पूरा पैसा रिफंड करना होगा. यदि ऐसा नहीं करते हैं तो कुर्की-जब्ती से लेकर जेल की सजा भी हो सकती है.खुशबू कुमारी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, भागलपुर

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