हाइकोर्ट में प्रतिशपथ दायर करना था और मुहर्रम में भी थी ड्यूटी, पर सीओ का अता-पता नहीं
जगदीशपुर की सीओ स्मिता कुमारी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. उनके खिलाफ कुछ मामलों की जांच पूरी हो चुकी है और कुछ की जांच चल रही है. अब एक नया मामला सामने आ गया है. सीओ को हाइकोर्ट में प्रतिशपथ दायर करने से संबंधित जिम्मेदारी दी गयी थी और मुहर्रम पर्व को लेकर ड्यूटी भी लगायी गयी थी. लेकिन सीओ का अता-पता जिला प्रशासन को नहीं चल रहा है.
जगदीशपुर की सीओ स्मिता कुमारी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. उनके खिलाफ कुछ मामलों की जांच पूरी हो चुकी है और कुछ की जांच चल रही है. अब एक नया मामला सामने आ गया है. सीओ को हाइकोर्ट में प्रतिशपथ दायर करने से संबंधित जिम्मेदारी दी गयी थी और मुहर्रम पर्व को लेकर ड्यूटी भी लगायी गयी थी. लेकिन सीओ का अता-पता जिला प्रशासन को नहीं चल रहा है. इस संबंध में डीएम ने सीओ से स्पष्टीकरण की मांग की है. साथ ही यह कहा है कि सीओ यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं उनके विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर विभाग को भेज दिया जाये और उन्हें प्रभार से मुक्त करते हुए किसी अन्य को प्रभार दे दिया जाये.
क्या है मामला
15.07.2024 को जगदीशपुर सीओ कार्यालय में सीओ की खोज जिला प्रशासन द्वारा की गयी. जानकारी मिली कि आप मुख्यालय से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं. अनुपस्थिति के संबंध में सीओ से दूरभाष पर संपर्क करने पर सरकारी मोबाइल बंद पाया गया और निजी मोबाइल पर रिंग होता रहा, लेकिन सीओ ने रिसीव नहीं किया. उनकी खोज इसलिए भी की जा रही थी कि सीडब्ल्यूजेसी से संबंधित एक मामला पटना उच्च न्यायालय में 18.07.2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. इस मामले में 16.07.2024 तक हर हाल में प्रतिशपथ-पत्र दायर किया जाना आवश्यक था. संबंधित वाद में उच्च न्यायालय में ससमय प्रतिशपथ-पत्र दायर नहीं होने से न्यायालय द्वारा प्रतिकूल आदेश पारित किया जा सकता है. सीओ को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि न्यायालय से प्रतिकूल आदेश पारित होता है, तो इसकी सारी जवाबदेही सीओ की होगी. वहीं मुहर्रम पर्व को लेकर संवेदनशील क्षेत्र हबीबपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भ्रमणशील रहकर विधि-व्यवस्था देखने के लिए सीओ की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं पायी गयी.———————–
जगदीशपुर अंचल अंतर्गत कई दाखिल-खारिज के मामलों को गलत मंशा से सीओ के द्वारा ससमय निष्पादन नहीं किया गया है. इससे संबंधित कई मामलों की शिकायत डीएम को मिली थी. उन मामलों की जांच अपर समाहर्ता से कराये जाने पर सीओ को दोषी पाया गया. वहीं प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा सीओ के कार्यकलाप के संबंध में शिकायत पत्र जांच के लिए डीएम को भेजा गया था. इसकी जांच सदर एसडीओ कर रहे हैं.
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