परिवार नियोजन एक ऐच्छिक साधन, इससे परिवार, समाज तथा राष्ट्र का विकास संभव
जिले में जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 18 से 30 नवंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है.
जिले में जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 18 से 30 नवंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. धनंजय कुमार, सदर अस्पताल प्रभारी डॉ राजू कुमार ने संयुक्त रूप से परिवार नियोजन स्वास्थ्य मेला का विधिवत उद्घाटन किया. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पुरुष नसबंदी सहित परिवार नियोजन के सभी साधनों को बढ़ावा देना है. सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को इस पखवाड़े के दौरान गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करें और अधिक लोगों को प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया है. परिवार नियोजन एक ऐच्छिक साधन है, जिसके माध्यम से परिवार, समाज तथा राष्ट्र का विकास संभव है. अभियान के तहत पांच दिनों तक सारथी रथ के माध्यम से आशा कार्यकर्ता तथा एएनएम जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता फैलाएगी। स्वास्थ्य कर्मी, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद से समुदाय में परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों की जानकारी देंगे.
पुरुष नसबंदी कराने पर मिलेगी 3000 की प्रोत्साहन राशि
स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मणिभूषण झा ने बताया कि कि पुरुषों की नसबंदी कराने पर उन्हें तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी, जबकि अस्पताल लाने वाले आशा को विभाग के द्वारा 400 प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. यदि महिला बंध्याकरण कराती है तो उन्हें दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. यदि प्रसव के तुरंत बाद महिला के द्वारा बंध्याकरण कराया जाता है तो उन्हें भी तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजू कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी की अपेक्षाकृत अधिक सरल है। पुरुष नसबंदी में बिना चीरा के नसबंदी के बाद व्यक्ति को आराम की विशेष आवश्यकता नहीं होती. इससे न ही किसी प्रकार की कमजोरी आती है और न ही यह वैवाहिक जीवन ही प्रभावित होता है. अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ धनंजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. लोग परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हुए हैं और हमारा जनसंख्या दर में कमी भी आयी है. महिलाएं परिवार नियोजन के स्थाई साधनों का उपयोग भी कर रही हैं. बावजूद इसके पुरूष नसबंदी के प्रति और जागरूकता की जरूरत है. जिला सामुदायिक उत्प्रेरक भरत कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक प्रखंड में सूक्ष्म योजना बना कर ग्राम चौपाल करने का निर्देश दिया गया है, ताकि पुरुषों को नसबंदी केलिए अधिक से अधिक प्रेरित किया जायेगा. कार्यक्रम में जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अंजनी नंदन मिश्रा, सदर अस्पताल के प्रभारी आशुतोष कुमार, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि अय्याज आलम अशरफी, नवीन राय, जूही कुमारी, पीरामल स्वास्थ्य के जफर मकबूल, गांधी फेलो आशीष कुमार आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है