एक फसली क्षेत्रों में मत्स्यपालन के साथ किसान कर सकेंगे मुर्गीपालन, गौपालन, सब्जी की खेती व बागवानी
जिले में मत्स्य विभाग की ओर से चौर विकास मत्स्य पालन कार्यक्रम के तहत किसानों को समृद्ध बनाया जायेगा. मत्स्यपालन के साथ मुर्गीपालन, गौपालन, सब्जी की खेती व बागवानी एक साथ कर सकेंगे. खेती व मत्स्यपालन के लिए ऐसे स्थान को चुना गया है,
जिले में मत्स्य विभाग की ओर से चौर विकास मत्स्य पालन कार्यक्रम के तहत किसानों को समृद्ध बनाया जायेगा. मत्स्यपालन के साथ मुर्गीपालन, गौपालन, सब्जी की खेती व बागवानी एक साथ कर सकेंगे. खेती व मत्स्यपालन के लिए ऐसे स्थान को चुना गया है, जहां डूब या एक फसली क्षेत्र है. भागलपुर जिले में इसकी अपार संभावनाएं हैं. जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी राजकुमार रजक ने बताया कि भागलपुर जिले के गोराडीह, कहलगांव, सन्हौला, पीरपैंती, सुल्तानगंज, शाहकुंड, सबौर व नाथनगर चौर क्षेत्र है. यहां किसान एक सीजन का ही फसल उगा सकते हैं. कहीं-कहीं तो सालोंभर बाढ़ व सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है. इस योजना के तहत मछली पालक तालाब बनाकर मछली पालन कर सकते हैं. एक फसल होने वाले क्षेत्रों में अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए मत्स्यपालकों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. तीन मॉडल की है सुविधा पहला मॉडल एक हेक्टेयर जमीन में दो तालाब का निर्माण किया जा सकता है. .59 हेक्टेयर का तालाब निर्माण किया जा सकता हे. इस इकाई की लागत 8.88 लाख रुपये तक है. दूसरे मॉडल में एक के हेक्टेयर रकबा में .57 हेक्टेयर का चार तालाब का निर्माण किया जाता है. इसकी लागत 7.32 लाख रुपये है और तीसरे मॉडल में एक हेक्टेयर रकबा में .40 हेक्टेयर का एक तालाब का निर्माण करना है. इस इकाई की लागत 9.69 लाख रुपये है. जिले में अनलिमिटेड है लक्ष्य, पहले आओ, पहले पाओ के तहत लें लाभ जिला मत्स्य विकास पदाधिकारी राजकुमार रजक ने बताया कि भागलपुर जिले में अनलिमिटेड लक्ष्य है. सभी इच्छुक आवेदकों को लाभ देने की योजना है. लीज पर भी जमीन लेकर मछली पालन कर सकते हैं. पहले आवेदन करें, और पहले योजना का लाभ लें की तर्ज पर किसान आवेदन कर सकते हैं. आरक्षित को 70 प्रतिशत व सामान्य को 50 प्रतिशत अनुदान इस योजना में एससी-एसटी व अत्यंत पिछड़ी जाति आरक्षित वर्ग के लिए 70 प्रतिशत तक लाभ दिया जायेगा. वहीं सामान्य वर्ग व ओबीसी के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का लाभ दिया जायेगा.
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