Bhagalpur news पुत्रों की जान बचाने को सोशल मीडिया पर पिता लगा रहा गुहार
कार्तिक नगर कदवा के शिक्षक घनश्याम राम अपने दो पुत्रों की जान बचाने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहे हैं.
नवगछिया कार्तिक नगर कदवा के शिक्षक घनश्याम राम अपने दो पुत्रों की जान बचाने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहे हैं. दोनों पुत्र अनिमेष व आनंद ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्राफी नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. यह एक ऐसी घातक बीमारी है, जिसमें बच्चों के शरीर की मांसपेशियों काम करना बंद कर देती है. कई शारीरिक परेशानी होती हैं. घनश्याम के दो लड़कों में बड़े अनिमेष का हालत काफी नाजुक बनी हुई है. वह अभी भागलपुर के डॉ वीरेंद्र कुमार के अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं.
अनिमेष को इलाज के लिए मदद की दरकार है. वह लोगों को टकटकी लगा कर देख रहा है कि कोई उसके जीवन में फरिश्ता बन कर आये और उसे नयी जिंदगी मिल सके. पिता बताते हैं कि जगह-जगह इलाज करा माली हालत हो गयी है. पुत्र की जान बचाने के लिए सोशल मीडिया पर मदद की मांग कर रहे हैं. फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम पर अपना पे फोन शेयर कर मदद की गुहार लगा रहे हैं. पुत्र को बचाने के लिए करीब 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे.कई जगह धरना प्रदर्शन कर मांग करने पर भारत सरकार ने 50 लाख रुपये की मदद करने की बात की है, लेकिन वह किसी मरीज को नहीं मिल रहा है. बच्चों के इलाज के लिए पीटीसी कंपनी की एक दवा उपलब्ध है. पैसा नहीं होने पर डॉक्टर दवा देने से इंकार कर रहा है. डाॅक्टर का कहना है यदि सरकार ने पैसा नहीं दिया, तो वह क्या करेंगे. घनश्याम राम पेशे से शिक्षक हैं. अपने पुत्र की जान बचाने के लिए गूगल पे और फोन पे नंबर-7909093244 जारी कर सोशल मीडिया से धनराशि एकत्रित करने की गुहार लगा रहे हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश में ऐसे सैंकड़ों मरीज हैं, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
तेज पछुआ हवा व कड़ाके की ठंड से जनजजीवन अस्त व्यस्त, पशु भी परेशान
नवगछिया अनुमंडल में गंगा व कोसी नदी के किनारे रह रहे कटाव से विस्थापित लोगों के लिए ठंड जानलेवा साबित हो रही है. विस्थापित परिवार माल मवेशियों के साथ तटबंध पर रहने को मजबूर हैं. कटाव पीडितों के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था सरकारी स्तर पर नहीं हो पायी है. हालांकि कुछ जगहों पर प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था की गयी है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. गोपालपुर, नवगछिया, रंगरा व इस्माईलपुर प्रखंडों के कटाव पीड़ितों के लिए काफी जलालत का समय है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकर सिंह अशोक बताते हैं कि कटाव पीड़ितों के लिए बिहार सरकार ने बासभूमि के साथ आवास भी दिया है, लेकिन अभी भी काफी संख्या में कटाव से विस्थापित परिवार बास भूमि व आवास की सुविधा से वंचित हैं. जिससे अभी भी बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार तटबंध या सड़क के किनारे प्लास्टिक के घरों में रहने को मजबूर हैं. इन लोगों के पास न तो जमीन है और न ही छत है.
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