कर्ज ले जिस बेटे को बनाया सीए, अब वह पिता को सिखा रहा ककहरा

भागलपुर: ख्वाहिशों की जमीन पर मेहनत से उगी पौध जब फलदार हो जाए, तो उसके माली की खुशी दोगुनी हो जाती है. कुछ ऐसी ही मुराद पूरी हुई, जब काजीचक के फल विक्रेता मनोज कुमार बिहारी ने सीए की परीक्षा में सिलेक्ट हो अपने पिता का नाम रोशन कर दिया. मनोज बिहारी ने दिनरात फल बेच अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देने के प्रयास में जुट रहे. अब इन दिनों उनका बेटा सूरज उनकी दुकानदारी में मदद कर रहा है और नित नये बिजनेस टिप्स दे रहा है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | June 21, 2020 7:28 AM

भागलपुर: ख्वाहिशों की जमीन पर मेहनत से उगी पौध जब फलदार हो जाए, तो उसके माली की खुशी दोगुनी हो जाती है. कुछ ऐसी ही मुराद पूरी हुई, जब काजीचक के फल विक्रेता मनोज कुमार बिहारी ने सीए की परीक्षा में सिलेक्ट हो अपने पिता का नाम रोशन कर दिया. मनोज बिहारी ने दिनरात फल बेच अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देने के प्रयास में जुट रहे. अब इन दिनों उनका बेटा सूरज उनकी दुकानदारी में मदद कर रहा है और नित नये बिजनेस टिप्स दे रहा है.

हाट में छोटे स्तर पर फल बेचते हैं मनोज कुमार बिहारी

मनोज कुमार बिहारी गिरधारी साह हाट में छोटे स्तर पर फल बेचते हैं. कर्ज लेकर अपने पुत्र सूरज को पढ़ा रहे हैं. सूरज ने भी अपने पिता की विवशता को समझते हुए मन लगाकर पढ़ाई की. इतना ही नहीं फल के आढ़त पर ही पहुंचकर होम वर्क किया. बिहार बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा में 73 प्रतिशत अंक लाया. इंटरमीडिएट में 62 प्रतिशत अंक लाया. इसके साथ ही सीए के लिए सीपीटी निकाला और अब सूरज सीए फाइनल का छात्र है. सूरज ने अपने अनपढ़ पिता की कभी अवहेलना नहीं की. उनके फल बेचने में सहयोग किया.

पिता को सिखाया ककहारा

अच्छी तालीम पाकर सूरज पिता की निरक्षरता पर कभी चिढ़ा नहीं और उसे पॉजीटिवली लेते हुए ककहारा सिखाया और अब मनोज बिहारी अच्छी तरह से अपने व्यवसाय का हिसाब करने लगे हैं. पहले कई बार अपने कारोबार में ग्राहक से ठगे भी जाते थे. मनोज भी अपने पुत्र से काफी खुश हैं और हर जान-पहचान वाले को अपने पुत्र की विशेषता से अवगत कराते हैं.

Next Article

Exit mobile version