भागलपुर : शहरवासियों के विरोध को देख अब सर्वे करने वाली टीम के सदस्य डर गये हैं. उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक हमें इस काम के दौरान पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिलती हम काम करने नहीं जायेंगी. सोमवार को मोजाहिदपुर पूर्वी हिस्से में हुए विरोध के बाद मंगलवार को जनप्रतिनिधि सामने आये. इन लोगों ने थाना में जाकर पुलिस के सामने कहा कि सर्वे टीम हमारे इलाके में आये, हम सब मिल कर यह काम करेंगे. जिसे सर्वे टीम ने एक सिरे से नकार दिया. जनप्रतिनिधि के कहने पर मोजाहिदपुर थाना प्रभारी सर्वे टीम की सदस्य चिंता देवी के घर पहुंची.
उसने कहा गया कि टीम सर्वे का काम करे पुलिस और स्थानीय लोग सुरक्षा के साथ मदद करेंगे. चिंता देवी ने अपनी सहायिका खुशबू को कॉल कर कहा कि अब कोई दिक्कत नहीं होगी. पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधि आश्वासन दे रहे हैं. हमें काम पर वापस जाना चाहिए. इस आश्वासन के बाद खुशबू डरी हुई थी. उसका कहना था कि जब तक पुलिस प्रशासन हमारे साथ नहीं होगा, सुरक्षा का लिखित आश्वासन नहीं दिया जायेगा, तब तक हम काम नहीं कर सकते है. हम खुद के परिवार को चलाने के लिए काम पर आते हैं, जान को हाथ में रख कर लोगों को सर्वे करते हैं.
सोच यह भी है कि सभी कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचे रहे, लेकिन हमें ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है. आखिर हम जान जोखिम में डाल कर कैसे काम करे. यूनिसेफ के अधिकारियों को कहना है कि इसकी लिखित सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी गयी है. मंगलवार को भी सर्वे का काम यहां आरंभ नहीं हो सका. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि हर इलाके का फीडबैक लिया जा रहा है.
जिसके बाद केयर, यूनिसेफ एवं अन्य अधिकारियों से सलाह ली जायेगी. वहीं इलाके के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि का कहना है कि लोगों को समझाया गया है. सभी सर्वे में सहयोग देने के लिए तैयार हैं. बुधवार को टीम के सदस्यों के घर तक सभी जायेंगे और सर्वे करने के लिए कहेंगे. सोमवार को सर्वे करने गयी टीम से अभद्र व्यवहार किया गया था. इनके मोबाइल को छिन लिया गया था. किसी तरह टीम के सदस्य खुद को बचा कर वापस हुए थे.