परिधि सृजन मेला में बना सांस्कृतिक व रचनात्मक माहौल
कला केंद्र में शनिवार को परिधि सृजन मेला 2024 के समापन के बाद समीक्षा बैठक हुई.
कला केंद्र में शनिवार को परिधि सृजन मेला 2024 के समापन के बाद समीक्षा बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता रामशरण ने की. कहा कि सृजन मेला का आयोजन 30 वर्षों से भी अधिक समय से होता आ रहा है. एक लंबे प्रयास ने भागलपुर का माहौल बदला और अब कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होने लगे, लेकिन दुर्भाग्य है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर भोंड़े नृत्य और अश्लील गानों पर बच्चों को नचाया जाता है. सृजन मेला के माध्यम से स्वस्थ, सांस्कृतिक और रचनात्मक माहौल बना. फनी चंद्र ने कहा कि मिट्टी के खिलौना निर्माण सृजन मेला की खासियत रही. बच्चों ने पर्यावरण, पानी की समस्या, बच्चों के मोबाइल की गिरफ्त में फंसना, मिट्टी के माध्यम से कलात्मक रूप देना. साझी संस्कृति और देश की एकता को पोस्टर के माध्यम से उकेरा. मृदुल सिंह ने सृजन मेला में युवा समूहों को और अधिक भागीदार बनाने का सुझाव रखा. इस वर्ष का मेला नदी, पानी व पर्यवरण पर केंद्रित रहा बिहार-बंगाली समाज भागलपुर के सहयोग से आयोजित रविंद्र जयंती का कार्यक्रम बहुत ही शानदार रहा. सुभाष देव ने कहा कि मैं 12 वर्ष की उम्र से सृजन मेला में प्रतिभागी के तौर पर शामिल होता रहा. अब हमारे बच्चे सृजन मेला के प्रतिभागी बन रहे हैं. उज्जवल कुमार घोष ने कहा कि इस वर्ष का सृजन मेला नदी, पानी, पर्यावरण पर केंद्रित था. इस मौके पर अर्जुन शर्मा, ताकि अहमद जावेद, गौतम कुमार, उदय, रामशरण, राजेश झा, मृदुल सिंह, रजनी कुमारी, संजय कुमार, गणेश दा चंदन, लीना दत्ता, सौरभ कुमार, नीना एस प्रसाद, राजीव कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है