टीएमबीयू में कुलपति की अध्यक्षता में वीसी आवासीय कार्यालय में अधिकारियों व मुख्यालय के कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की बैठक हुई. इसमें बिजली मामले को लेकर अबतक की गयी कार्रवाई की समीक्षा की गयी. कुलपति प्रो जवाहर लाल ने मामले में एफआइआर दर्ज करने का आदेश रजिस्ट्रार डाॅ विकास चंद्र को दिया है. कहा कि अगर रजिस्ट्रार एफआइआर दर्ज नहीं कराते हैं, तो वे लिखित रूप में दें. वहीं, रजिस्ट्रार ने एफआइआर दर्ज कराने व कंज्यूमर फोरम में मामले को ले जाने के लिए वकील से संपर्क करने को पांच जून तक का समय मांगा है. हालांकि, कुलपति ने कहा की इस बीच एफआइआर करने में विलंब होता है और बिजली कनेक्शन फिर से काट दिया जाता है, तो इसकी सारी जवाबदेही रजिस्ट्रार की होगी. विश्वविद्यालय के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने कुलपति को पूर्व में बिजली विभाग को भेजे गये नोटिस से भी अवगत कराया. जमीन का मालिकाना हक विश्वविद्यालय का कुलपति ने कहा की जिस जमीन पर पावर ग्रिड है, वह विश्वविद्यालय की है. उस जमीन का मालिकाना हक विश्वविद्यालय का है. उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय बिजली बिल भुगतान करने को तैयार है. बशर्ते वे पहले विश्वविद्यालय को ग्रिड व कार्यालय के बदले रेंट दे. टीएमबीयू ने 14 करोड़ से भी ज्यादा राशि रेंट के रूप में बिजली कंपनी को क्लेम किया है. कुलपति के आदेश व सिंडिकेट के निर्णय का किया अवहेलना कुलपति ने कहा कि तीन अप्रैल को बिजली मामले में बैठक हुई थी. इसमें लिये गये निर्णय पर अबतक रजिस्ट्रार द्वारा अनुपालन नहीं किये जाने पर वीसी ने नाराजगी व्यक्त जतायी. साथ ही बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों ने भी बिजली विभाग पर अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने के रजिस्ट्रार के कार्यों की भर्त्सना की. सर्किल रेट के निर्धारण के लिए कमेटी गठित बैठक में सर्किल रेट के निर्धारण के लिए कुलपति ने कमेटी गठित करने का आदेश दिया. कमेटी में रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, वित्त पदाधिकारी, इंजीनियर अंजनी कुमार व अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह को शामिल किया गया है.
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