भागलपुर: TMBU के निलंबित रजिस्ट्रार एक और मुश्किल में घिरे, गिरिजेश नंदन पर छात्र ने दर्ज कराया केस

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रहे गिरिजेश नंदन कुमार पर एक छात्र ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. जाति सूचक अभद्र भाषा कहने का आरोप लगाकर एक छात्र ने उनके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. जानिए क्या है पूरा मामला..

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2024 12:32 PM

TMBU Bhagalpur News: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रहे गिरिजेश नंदन कुमार की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पिछले दिनों शिक्षा विभाग की एक बैठक में कुलपति से उलझने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. वहीं अब जाति सूचक अभद्र भाषा कहने का आरोप लगाकर एक छात्र ने उनके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. निलंबित चल रहे रजिस्ट्रार पर जातिसूचक अभद्र शब्दों का प्रयोग करने और मारपीट पर उतारू होने का आरोप लगाया गया है.

गिरिजेश नंदन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज

नाथनगर के ठाकुरबाड़ी लेन के ऋषू राज ने टीएमबीयू के रजिस्ट्रार रहे डॉ गिरिजेश नंदन कुमार पर एससी-एसटी एक्ट के तहत विवि में प्राथमिकी दर्ज करायी है. छात्र ने शिकायत में कहा कि पीजी राजनीति विज्ञान की परीक्षा पास की है. रजिस्ट्रार से अपनी समस्या को लेकर तीन-चार बार आवेदन के साथ मिला था. इसी सिलसिले में पांच जनवरी यानी शुक्रवार को शाम में उनसे मिलने उनके कार्यालय कुछ साथियों के साथ गया था. उनसे अपनी समस्या को लेकर आग्रह किया, लेकिन रजिस्ट्रार ने जातिसूचक अभद्र शब्दों का प्रयोग किया. जब उन्हें ऐसा करने से मना किया, तो वो मारपीट पर उतारू हो गये. इस घटना को लेकर कुलपति से भी शिकायत की है.

रजिस्ट्रार ने विजिलेंस जांच की मांग की..

टीएमबीयू के निलंबित रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार ने कहा कि मैं छात्र को नहीं जानता हूं. इस पूरे प्रकरण की विजिलेंस या राजभवन से उच्च कमेटी गठित कराकर जांच करायी जाये. जिस दिन घटना होने की बात कही जा रही है, उस समय विवि के तीन-चार अधिकारी उनके चैंबर में बैठे थे. विवि की वेबसाइट के टेंडर को लेकर चर्चा की जा रही थी. पांच जनवरी को ही सिंडिकेट हॉल में कुलपति की अध्यक्षता में सभी कॉलेज के प्राचार्यों की बैठक चल रही थी. कॉलेज के बैंक खाते को लेकर. इस घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पांच जनवरी की अगर घटना है, तो नौ जनवरी को थाना में प्राथमिकी कैसे दर्ज करायी गयी. उसी दिन ही थाना में प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए थी.

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थानाध्यक्ष ने कहा- जांच के बाद तय होगी आगे की कार्रवाई 

विश्वविद्यालय थाना के थानाध्यक्ष दिलशाद ने कहा कि आवेदक ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इस आधार पर मामले की जांच की जायेगी. जांच में आनी वाली रिपोर्ट ही तय करेगी, आगे क्या होना है.

पटना में बैठक के दौरान उलझे रजिस्ट्रार तो कुलपति ने किया सस्पेंड

गौतलब है कि उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न मसलों पर विश्वविद्यालयों के शीर्ष पदाधिकारियों की सोमवार को पटना में हुई बैठक में तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो जवाहर लाल और कुल सचिव गिरिजेश नंदन कुमार एक विशेष मसले पर आपस में उलझ गये थे. दोनों के बीच तीखी नोक-झोक हुई थी. इसके बाद सारे विश्वविद्यालयों के कुलपति मीटिंग से उठ कर चले गये थे. इस घटना के बाद टीएमबीयू के कुलपति जवाहर लाल ने कुल सचिव गिरिजेश नंदन को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया था. बैठक से निकलकर सारे कुलपति सीधे चांसलर से मिलने राजभवन जा पहुंचे थे. अगले दिन कुलपतियों ने कुलाधिपति से मुलाकात की थी और अपनी शिकायतें उनके समक्ष रखी थी.

टीएमबीयू के कुलपति राज्यपाल से जाकर मिले

टीएमबीयू के कुलपति ने सचिवालय स्थित सभागार में हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कुलसचिव के खिलाफ लिखित आवेदन राज्यपाल के सामने प्रस्तुत किया है. सूत्रों मुताबिक राज्यपाल आर्लेकर ने इस मामले में कुलपति को आश्वस्त किया था कि इस मामले में वह गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए जरूरी कदम उठाये जायेंगे. टीएमबीयू के कुलपति जवाहर लाल ने लिखित आवेदन देते हुए शिक्षा विभाग के सचिवालय में सोमवार को हुई बैठक के दौरान हुए घटनाक्रम से राज्यपाल को अवगत कराया. बताया कि विश्वविद्यालय के कुल सचिव का रवैया अनुशासनहीनता का रहा. वहीं जानकारी के अनुसार, कुलसचिव ने भी अपना पक्ष राजभवन जाकर रखा है. वहीं गिरिजेश नंदन अब छात्र के द्वारा दर्ज करायी प्राथमिकी से एक नयी मुसीबत में घिरे हुए हैं.

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