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सिकंदपुर कोबी बाड़ी में फाइबर डेकोरेशन सामग्रियों के गोदाम में लगी आग, लाखों का नुकसान

सिकंदपुर कोबी बाड़ी में फाइबर डेकोरेशन सामग्रियों के गोदाम में लगी आग, लाखों का नुकसान

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2024 8:35 PM

भागलपुर.

मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर कोबी बाड़ी में शनिवार को एक फाइबर डेकोरेशन सामग्री के गोदाम सह वर्कशॉप में लगी आग में लाखों रुपये की क्षति हुई. घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद स्थल पर काफी मशक्कत के बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को काबू किया. जानकारी मिली है कि घटना दिन के 11.30 बजे की है. उस वक्त गोदाम सह वर्कशॉप में दो-तीन मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन जब तक उनलोगों को घटना की जानकारी मिली, काफी देर हो गयी थी. फाइबर के सामानों में आग लग चुकी थी. मजदूरों ने हल्ला करना शुरू किया तो स्थानीय लोग सजग हुए. आनन-फानन फायर ब्रिगेड को सूचना दी गयी. एक जनरेटर के सहारे पंपिंग सेट चला कर स्थानीय लोगों ने आग पर पानी डालना शुरू किया.

संकरे रास्ते में नहीं जा सका बड़ा दमकल, चार छोटे दमकलों ने आग पर काबू पाया

आग की लौ इतनी प्रचंड थी कि एक जनरेटर के सहारे पंपिंग सेट से दिये जा रहे पानी से कोई असर नहीं पड़ रहा था. फिर स्थानीय लोगों ने दूसरे जनरेटर के सहारे पंपिंग सेट से आग पर पानी डालना शुरू किया. डेढ़ घंटे से फायर ब्रिगेड की टीम स्थल पर बड़ा दमकल ले जाने का प्रयास करती रही, लेकिन रास्ता संकरा होने के कारण बड़ा दमकल नहीं पहुंच सका. फिर एक के बाद एक चार छोटे दमकलों से आग पर काबू पाया गया. जिला अग्निशमन पदाधिकारी हरेंद्र कुमार सिंह, और फायर स्टेशन के ऑफिसर नागेंद्र उपाध्याय खुद पूरी टीम के साथ मौके पर मौजूद दिखे.

फैल गया धुएं का गुबार, कांप रहे थे मोहल्ले के लोग

फाइबर गोदाम में लगी आग की लौ इतनी प्रचंड थी कि पूरा मोहल्ला धुएं के गुबार से भर गया. आसपास के घरवालों को आशंका थी कि कहीं उनके घर में भी आग न पकड़ ले, इसलिए लोग अपने-अपने घरों पर पानी डालने लगे तो पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी का माहौल रहा. लोगों का कहना है कि अगर स्थानीय लोगों की सजगता और फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा ससमय आग पर काबू नहीं किया जाता तो निश्चित रूप से दूसरे घर भी आग की चपेट में आ जाते. कृष्णा फाइबर कंपनी से जुड़े लोगों ने बताया कि अगलगी में दो करोड़ के सामान का नुकसान हुआ है. हालांकि प्रशासनिक स्तर से नुकसान हुए संपत्ति का आकलन किया गया है. जानकारी मिली है कि सुदामा प्रसाद के पुत्रों आशीष कुमार व अन्य ने मिल कर उक्त धंधा शुरू किया था. देश के अन्य शहरों से फाइबर के सामानों को मंगवा कर यहां पर इन्स्टॉलेशन का काम किया जाता था. फिर यहां से टेंट हाउस वाले को भाड़े पर दिया जाता था या फिर बिक्री किया जाता था.

कहते हैं अग्निशमन पदाधिकारी

जिला अग्निशमन पदाधिकारी हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि घटना स्थल तक पहुंचने का रास्ता संकरा रहने के कारण बड़ा दमकल नहीं पहुंच पाया. चार छोटे एमटी दमकलों से आग पर काबू पाया गया.

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