-गंगा मुक्ति आंदोलन ने कला केंद्र में संवाद कार्यक्रम किया आयोजित
वरीय संवाददाता, भागलपुर
गंगा मुक्ति आंदोलन की ओर से कला केंद्र में मंगलवार को संगठनकर्ता अनिल प्रकाश का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. गंगा मुक्ति आंदोलन के वरिष्ठ संगठनकर्ता अनिल प्रकाश ने कहा कि गंगा मुक्ति आंदोलन 80 किलोमीटर जमींदारी उन्मूलन और नदियों में टैक्स माफी के बाद नये दौर में प्रवेश कर रहा है. गंगा मुक्ति आंदोलन बिना रुके, बिना झुके 42 वर्षों से जारी है. वर्तमान आर्थिक नीतियों और विकास के गलत मॉडल के कारण गंगा और अन्य नदियां मर रही हैं. नदियों पर निर्भर मछुआ और किसान मर रहे हैं. लंबे संघर्ष के बाद 1991 में पारंपरिक मछुओं के लिए सभी नदियां कर मुक्त की गयी. लेकिन कहीं अभ्यारण्य तो कहीं नन गजटेड नदी कह कर मछुआरों के नि:शुल्क मछली पकड़ने के अधिकार को बाधित किया जा रहा है.एक, दो व तीन दिसंबर को पटना में गंगा बेसिन पर होगा राष्ट्रीय विमर्श
उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न संगठनों, विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों, संस्कृतिकर्मियों आदि से समन्वय बनाकर हम आंदोलन को तेज करेंगे. भोपाल गैस त्रासदी दिवस पर 1, 2 और 3 दिसंबर को पटना में गंगा बेसिन पर राष्ट्रीय विमर्श होगा. इसमें नेपाल के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके पहले गंगा क्षेत्र में सभाओं, यात्राओं और संगोष्ठियों का सिरीज चलेगा. इस मौके पर डॉ योगेंद्र, डॉ रुचि श्री, उदय, मो शाद, नवज्योति कुमारी, गौतम कुमार, राम बाबू, सुनील कुमार, स्मिता कुमारी आदि आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है