फिशिंग गिरोह का मामला : आसनसोल में कॉल सेंटर पर रेड के बाद गिरोह भागलपुर में हुआ था शिफ्ट
फिशिंग गिरोह का मामला : आसनसोल में कॉल सेंटर पर रेड के बाद गिरोह भागलपुर में हुआ था शिफ्ट
फिशिंग गिरोह मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस ने की प्रेस वार्ता, छह युवती और चार युवक गिरफ्तार
शहर में घूरन पीर बाबा चौक पर फिशिंग गिरोह पकड़ाने के मामले में गुरुवार को पुलिस ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. मामले में पुलिस ने करीब दो दर्जन लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की. 10 लोगों की गिरफ्तारी की गयी. वहीं अन्य लोगों की भूमिका स्पष्ट नहीं होने और जांच जारी रहने की बात कह कर उन्हें फिलहाल छोड़े जाने की बात कही गयी. पुलिस ने बताया कि यह फिशिंग गिरोह आसनसोल से आया था. कुछ माह पूर्व आसनसोल पुलिस द्वारा उनके सेंटर पर छापेमारी की गयी थी. इसके बाद पूरा गिरोह भागलपुर आ गया था. यहां पर ट्यूशन व कोचिंग सेंटर से पार्ट टाइम जॉब देने के बहाने युवक/युवतियों की बहाली की जाती थी. उन्हें अंधेरे में रखकर उनसे फिशिंग कराया जाता था. अब तक की जांच में यह बात स्पष्ट हुई है कि भागलपुर में रहकर उक्त गिरोह ने करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की थी. इनमें से चार मामले में कुल दो लाख 69 हजार 604 रुपये की ठगी की गयी थी. इसकी शिकायत पर भागलपुर पुलिस ने कार्रवाई की थी. गुरुवार को सिटी एसपी डॉ के रामदास ने अपने कार्यालय में आयेाजित प्रेस वार्ता के दौरान इसे भागलपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई बताया. सिटी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार गिरोह का मुख्य सरगना पश्चिम बंगाल के 24 परगना नॉर्थ के खरदा का निवासी जीशान अली अपना नाम बदल कर फर्जी आधार कार्ड बनवा राहुल गुप्ता के नाम से भागलपुर में रह रहा था. उसके साथ पश्चिम बंगाल से आयी छह लड़कियां सहित दो अन्य लड़के भी थे. भागलपुर के हुसैनपुर का रहने वाला मो छोटू भी उनकी मदद कर रहा था. उसके गिरोह में उसकी पत्नी सहित मो छोटू की गर्लफ्रेंड भी थी. मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों में जीशान अली उर्फ राहुल गुप्ता, मो छोटू सहित 24 परगना नॉर्थ के टिटाघर स्थित खरदा निवासी मो महताब अली, ग्राहकों के नंबर और डिटेल्स उपलब्ध कराने वाला जमुई जिला के सोनो स्थित सारेबाग का रहने वाला आदित्य कुमार है. आदित्य वर्तमान में दुमका में रह रहा था. पश्चिम बंगाल के हुगली स्थित दानकुनी निवासी निधि वाल्मिकी और विधि वाल्मिकी, आसनसोल के हीरापुर शांतिनगर की रहने वाली दो बहन प्रियंका कौर और निंदन कौर, आसनसोल के ही हीरापुर स्थित वरैपुर निवासी कृतिका विश्वकर्मा और लक्ष्मी ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया है. मामले में पुलिस द्वारा कुल 38 मोबाइल फोन की बरामदगी की गयी है. इनमें 21 मोबाइल कीपैड और 17 पीस एंड्रायड फोन हैं. इसके अलावा 44 सिम कार्ड, 35 पीस एटीएम कार्ड, 14 चेकबुक, 3 बैंक पासबुक, 3 बाइक (एक बुलेट, एक पल्सर और एक स्कूटी), 73 हजार 500 रुपये नकद, 72.38 ग्राम वजन के सोने के आभूषण (4 सोने की अंगूठी, 1 सोने का ब्रासलेट, सोने का चेन लॉकेट लगा हुआ), 1 लैपटॉप और 1 रजिस्टर की बरामदगी की गयी है.सिटी एसपी ने बताया कि मामले में की गयी छापेमारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया था. दसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक सह साइबर थानाध्यक्ष संजीव कुमार कर रहे थे. इसमें साइबर थाना अपर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अकील अहमद सहित इंस्पेक्टर राकेश कुमार, एसआइ राम मोहन कुमार, एसआइ विनोद कुमार, एसआइ प्रतिमा कुमारी, एसआइ राम कृष्ण, एसआइ प्रिय रंजन, एसआइ मो हनिफ, एसआइ पुष्पराज, पीटीसी मिथलेश मधुकर, सिपाही संजीत कुमार, प्रियंका कुमारी, माधुरी कुमारी, दीपक कुमार, अशोक कुमार, कमलेश कुमार प्रोग्रामर, रिया सिंह, डीईओ आलोक कुमार, राहुल कुमार ठाकुर, प्रतीक्षा कुमारी सहित भागलपुर पुलिस केंद्र की सिपाही किरण कुमारी, अंजू कुमारी, प्रियंका कुमारी, प्रीति कुमारी और डीआइयू की टीम शामिल थी.
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