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भागलपुर में बनेगा आम, लीची व केला के लिए पांच पैक हाउस, अचार-जैम के लिए प्रोसेसिंग यूनिट

एक ओर जहां मेगा फूड पार्क का सपना सिल्क सिटी के लिए सपना बनकर रह गया, वहीं उद्यान विभाग की ओर से भागलपुर प्रक्षेत्र के फल व सब्जी किसानों को खुशखबरी देने की तैयारी शुरू हाे गयी है.

प्रभात एक्सक्लूसिव

उद्यान विभाग भागलपुर के सहायक निदेशक ने राज्य बागचानी मिशन, बिहार के निदेशक उद्यान सह मिशन निदेशक को भेजा प्रस्ताव, अनुदान की राशि बढ़ाने के लिए किया अनुरोध

दीपक राव, भागलपुर

एक ओर जहां मेगा फूड पार्क का सपना सिल्क सिटी के लिए सपना बनकर रह गया, वहीं उद्यान विभाग की ओर से भागलपुर प्रक्षेत्र के फल व सब्जी किसानों को खुशखबरी देने की तैयारी शुरू हाे गयी है. आम के लिए तीन, लीची व केला के लिए एक-एक पैक हाउस बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेज दिया गया. इतना ही नहीं यहां बर्बाद होने से पहले फल व सब्जी के बचाव को लेकर प्रोसेसिंग यूनिट लगानी की भी तैयारी है, ताकि अचार, जैम आदि तैयार कर 40 फीसदी तक बर्बाद होने वाले फल व सब्जी का सदुपयोग किया जा सके.

9000 हेक्टेयर में आम, 2000 में केला व 900 हेक्टेयर में है लीची की बागचानी

उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अभय कुमार मंडल ने राज्य बागचानी मिशन, बिहार के निदेशक उद्यान सह मिशन निदेशक को प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव में कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशन में जिले के उद्यानिक क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाना जरूरी है. इसे लेकर कृषि विभाग के पदाधिकारी, वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसानों के सुझाव के बाद योजना तैयार की गयी. 9000 हेक्टेयर में आम, 2000 में केला व 900 हेक्टेयर में लीची की बागचानी है. प्राइमरी व सेकेंडरी यूनिट अर्थात इंटीग्रेटेड पेक हाउस नहीं होने के कारण सभी फलों के विपणन में काफी समस्या होती है. उत्पादित फल व सब्जी को उचित मूल्य नहीं मिल पाता. 40 प्रतिशत उत्पाद बर्बाद हो जाते हैं. ऐसे में आम के लिए दो मैट्रिक टन प्रति दिन क्षमता वाले पैक हाउस तीन की संख्या में बनाने का प्रस्ताव है.

बढ़े अनुदान की राशि

इसी क्रम में उद्यान विभाग के निदेशक अभय मंडल ने प्रस्ताव में अुनदान की राशि बढ़ाने का अनुरोध किया. बताया कि वर्तमान में संचालित योजनाओं में 35 प्रतिशत अनुदान की राशि होने पर निवेशक इच्छुक नहीं हो पाते. अनुदान की राशि बढ़ायी जाये. अनुदानित दर पर आम, लीची व केला के लिए पैकेजिंग मेटेरियल दिया जा सकता है. इससे आम के विपणन में एकरूपता लाया जा सकेगा.

खरबूज व तरबूज से दुगुनी आय करने के लिए मिले बीज पर अनुदान

जिले में दियारा क्षेत्र बड़े भूभाग में है. यहां लत्तीदार सब्जी परवल सालोंभर हो सकती है और खरबूज व तरबूज के लिए उपयुक्त मिट्टी व मौसम है. इससे दुगुनी आय कमाने के लिए किसानों को उच्च कोटि के बीज पर अनुदान मिले. यह प्रस्ताव भी मुख्यालय भेजा गया है.

भागलपुर प्रक्षेत्र सब्जी का है बड़ा उत्पादक क्षेत्र

इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने बताया कि भागलपुर प्रक्षेत्र कृषि, बागवानी और सब्जी का बड़ा उत्पादक क्षेत्र है. यहां पर विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न, फल और सब्जियां पैदा होती हैं. खासकर फल में आम, लीची और केला, सब्जी में टमाटर, परवल, फूल गोभी, भिंडी, बैगन, पत्ता गोभी आदि, खाद्यान्न में मक्का, चावल व गेहूं का इस क्षेत्र में पूरा उपयोग नहीं होने के कारण दूसरे प्रांतों में सप्लाइ करना पड़ता है, जिससे यहां के किसानों का उत्पादन का सही दाम नहीं मिल पाता है. औद्योगिक सलाहकार सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि उत्तर भागलपुर के बिहपुर, नवगछिया, गोपालपुर में केला व लीची एवं सुल्तानगंज, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती, बिहपुर, नवगछिया, गोपालपुर, नाथनगर में आम का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. यदि इसका सदुपयोग करने के लिए फूड प्रोसेसिंग कराया जायेगा तो कृषि उत्पादकों को काफी लाभ मिलेगा. राज्य सरकार के कृषि और बागवानी विभागों के आंकड़े बताते हैं कि भागलपुर जिले में सालाना 80320 मैट्रिक टन आम, 5615 मैट्रिक टन लीची व 51120 मैट्रिक टन केला का उत्पादन होता है. इसके अलावा जिले में 1 लाख 60 हजार मीट्रिक टन धान, 1 लाख 10 मीट्रिक टन मक्का, 58 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 5 हजार मीट्रिक टन अमरूद, 1 लाख 60 हजार मीट्रिक टन आलू, 52 हजार मीट्रिक टन प्याज और 50 हजार मीट्रिक टन टमाटर की अनुमानित पैदावार भागलपुर में होती है.

कोट:-

मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि स्वीकृति मिलते ही प्रधानमंत्री के आगमन के क्रम में भागलपुरवासियों को बड़ी सौगात मिल सके. भागलपुर के जर्दालू आम व कतरनी धान को जीआई टैग मिला है. साथ ही मनराजी लीची भी विदेशों में लोगों को पसंद है. साथ ही अनोखे फल व सब्जी स्ट्रॉबेरी, जुकनी, सेब आदि के लिए उपयुक्त जलवायु है.अभय कुमार मंडल, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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