मुंगेर : कोरोना संक्रमण के बीच अब मुंगेर जिला बाढ़ की चपेट में आ चुका है. दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. जबकि उन गांवों का संपर्क सड़क भी पानी में डूब गया है. जिसके कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. बाढ़ का पानी बरियारपुर बिजली ग्रिड परिसर में भी प्रवेश कर गया है.
गुरुवार को मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.56 पर पहुंच गया है. जो डेंजर लेवल से 77 सेंटीमीटर कम है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर पूरी तरह से स्थित है. लेकिन केंद्रीय जल आयोग की माने तो इलाहाबाद में पानी बढ़ रहा है. जिसके कारण तीन दिनों तक पानी स्थिर रहने की संभावना है. 72 घंटे बाद पुन: जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगेगी. इतना ही नहीं पटना के गाय घाट में गंगा और गंडक एक हो गया है. जबकि मुंगेर और खगड़िया के बीच भी गंडक और गंगा का मिलाप हो चुका है. ऐसी स्थिति में इस बार बाढ़ की आशंका प्रबल हो गयी है.
मुंगेर जिले में बाढ़ का पानी लगातार अपना दायरा बढ़ता चला जा रहा है. बाढ़ का पानी दियारा के साथ ही शहरी क्षेत्र के तटवर्ती गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. दियारा क्षेत्र के कुतलुपुर पंचायत के बहादुर नगर कचहरी टोला वार्ड नंबर 17, बाबू रामसिंह टोला जमीन डिग्री सहित इस पंचायत के लगभग सभी गांवों तक बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. जबकि जाफरनगर पंचायत का सीताचरण सहित अन्य गांव व टोला में पानी लगातार फैलता जा रहा है. जिसके कारण गांव पूरी तरह से टापु में तब्दील हो चुका है. बताया जाता है कि ग्रामीण सड़कों पर भी पानी भर गया है. जिसके कारण लोगों का संपर्क एक गांव से दूसरे गांव का भंग हो चुका है. लोग अपनी घरों से नहीं निकल पा रहे है. इधर शहरी क्षेत्र के लालदरवाजा, चौखंडी सहित अन्य मुहल्ला तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है.
दियारा क्षेत्र में पानी आ जाने से किसानों की समस्या काफी बढ़ गयी है. किसान अपने मवेशी को लेकर तत्काल ऊंचे स्थान पर चले गये हैं. जबकि भेलवा, तारापुर दियारा, तौफिर दियारा से किसानों का पलायन शुरू हो गया. बड़ी संख्या में किसान मवेशी को लेकर गंगा के इस पार आ रहे है. किसान नौका के सहारे अपने अनाज व अन्य सामान को भी सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अब मवेशी के लिए चारा की समस्या उत्पन्न होने लगी है.
posted by ashish jha