बाढ़ पीड़ितों ने जीआर राशि की मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन की नारेबाजी

शाहकुंड के पैरडोमिनायामाल पंचायत मिल्की गोडि़यासी पैरडोमिनायामाल गांव के सैकड़ों महिला पुरुष बाढ़ पीड़ितों ने जीआर राशि, सीओ, वार्ड सदस्यों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को अंचल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की

By Prabhat Khabar News Desk | October 28, 2024 11:16 PM

शाहकुंड के पैरडोमिनायामाल पंचायत मिल्की गोडि़यासी पैरडोमिनायामाल गांव के सैकड़ों महिला पुरुष बाढ़ पीड़ितों ने जीआर राशि, सीओ, वार्ड सदस्यों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को अंचल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की. जीआर राशि में भेदभाव व फर्जी बाढ़ पीड़ितों से रिश्वत ले राशि देने की जांच कराने की मांग पर अड़े हैं. पूर्व मुखिया प्रदीप मंडल व पूर्व पंस दिलीप मंडल के नेतृत्व में बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि पैरडोमिनायामाल पंचायत का मिल्की गांव निचला इलाका है. इस गांव के सभी घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया. अंचल के वरीय पदाधिकारी व राजस्व कर्मचारी ने बिना स्थल जांच किये वार्ड सदस्यों की मिलीभगत से मोटी रकम फर्जी बाढ़ पीड़ितों को प्रदान कर वाजिब लोगों को वंचित किया. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि इस पंचायत के जानीपुर और पचरुखी बाजार के लोगों को जीआर राशि दी गयी है. दोनों गांवों से बाढ़ का पानी आधा किलोमीटर दूर था, फिर भी जीआर देना फजीवाड़ा को दर्शाता है. अंचल कार्यालय के सामने सैकड़ों महिला-पुरुष अपनी मांगों को लेकर दोपहर से शाम तक अड़े रहे, लेकिन अंचल के सीओ, आरओ सहित कोई पदाधिकारी वार्ता करने नहीं पहुंचे. सीओ की मनमानी रवैये से नाराज सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों का धरना आमरण अनशन में तब्दील हो गया. बाढ़ पीड़ित समाचार लिखे जाने तक आमरण अनशन पर डटे रहे और पदाधिकारी चुप्पी साधे हैं. अनशनकारी खुले आसमान के नीचे बैठे हैं.

वार्ड सदस्यों पर रिश्तेदारों को जीआर देने का आरोपनाराज बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वार्ड नौ के वार्ड सदस्य अजय ठाकुर सहित अन्य ने अपने रिश्तेदार, बेटा-बेटी सहित दूसरे गांव के लोगों को स्थानीय पदाधिकारी की मिलीभगत से जीआर राशि दिलायी है. इस धांधली से वाजिब बाढ़ पीड़ित राशि से वंचित हो गये हैं. इन गांवों के वंचित बाढ़ पीड़ितों ने 15 दिन पूर्व प्रदर्शन किया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने से नाराज हैं. हरपुर गांव के बाढ़ पीड़ितों को अभी तक जीआर राशि नहीं मिली है, जिससे उनमेें असमंजस की स्थिति है.

कहती हैं सीओ

सीओ हर्षा कोमल ने बताया कि अनशन पर अड़े बाढ़ पीड़ितों की सूची भेजी गयी है. जांच करायी जायेगी.

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