गंगा किनारे बसे मोहल्लों से उतरा बाढ़ का पानी, दिखने लगे बर्बादी के मंजर
गंगा किनारे बसे मोहल्लों से बाढ़ का पानी उतर चुका है. पानी उतरने के बाद इन क्षेत्रों के लोग अपने घर की क्षति का आकलन करने में लगे हैं. कई जगह बर्बादी के मंजर साफ दिख रहे हैं.
गंगा किनारे बसे मोहल्लों से बाढ़ का पानी उतर चुका है. पानी उतरने के बाद इन क्षेत्रों के लोग अपने घर की क्षति का आकलन करने में लगे हैं. कई जगह बर्बादी के मंजर साफ दिख रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर घर भी ध्वस्त हो गये, जिससे लोगों को अपना आशियाना बदलना पड़ा.
दीपनगर घाट किनारे बसे मोहल्ले में दो घर पहले ही बह गये थे. अब एक घर गिर गया. कई घर बहुत कमजोर हो गये. घाट किनारे बने पार्षद भवन में दरारें आ गयी हैं. डेढ़ साल पहले ही इस भवन का उद्घाटन मेयर डॉ बसुंधरालाल ने किया था. पार्षद प्रतिनिधि मनोज गुप्ता ने बताया कि पहले ही इस भवन के निर्माण में संवेदक द्वारा लापरवाही बरती गयी.
वहीं मानिक सरकार घाट निवासी हृदयनारायण सिंह ने बताया कि स्थायी घर पर कोई असर नहीं पड़ा. घर पहले से ही झुका हुआ बनाया गया है, ताकि घर का पानी निकल जाये. वहीं मानिक सरकार घाट के मिथिलेश चौधरी ने बताया कि उनका 25 लाख से अधिक का टाइल्स बर्बाद हो गया. पिछले बाढ़ में मकान धंस गया था. इस बार मकान में जगह-जगह दरार आयी है. हालांकि सजग रहने के कारण मकान को गिरने से बचा लिया गया.बाढ़ के बाद नहीं हुई बारिश, नहीं धुल सकी है गंदगी
आदमपुर घाट बैंक कॉलोनी के सूरज प्रभात दूबे ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि दीवार कमजोर हो गयी. वहीं किलाघाट के राजेश राय ने बताया कि यहां पर भी 15 से अधिक घर पर बाढ़ का प्रभाव पड़ा है. उनकी घर की दीवारें कमजोर हो गयी हैं. इसी तरह साहेबगंज, मोहनपुर, साकम आदि क्षेत्रों में भी बाढ़ के पानी से मकान को क्षति पहुंची है. यहां के लोगों ने भी सरकार से मुआवजा की अपेक्षा की है. उनका कहना है कि यहां पर सरकार को सर्वे कराना चाहिए.
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