भागलपुर; लॉकडाउन के बाद उपभोक्ताओं पर महंगाई डायन का प्रकोप बढ़ गया है. मूलभूत आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान के लिए उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. आलू की कीमत चढ़ती जा रही है तो डीजल की कीमत बढ़ने से निर्माण सामग्री के भाव और ट्रांसपोर्टिंग चार्ज दोगुना तक हो गया है. कपड़े पर भी महंगाई की मार है.
मिनी मार्केट के थोक आलू कारोबारी गुड्डू प्रसाद ने बताया कि पहले किसान के खेत व घर से सीधे आलू मंडी पहुंच रहे थे. इससे सस्ते कीमत पर कारोबारियों को आलू उपलब्ध हो रहा था. अब कोल्ड स्टोर से आलू मंडी पहुंच रहे हैं. इतना ही नहीं कोल्ड स्टोर का चार्ज भी लॉकडाउन के कारण बढ़ गया है. इससे आलू की कीमत उम्मीद से अधिक बढ़ गयी. बंगाल व कटिहार वाला आलू थोक में 13 से 14 रुपये किलो और लोकल 14 से 15 रुपये किलो मिल रहे थे. अभी आगरा वाला आलू 18 से 20 रुपये किलो और बंगाल वाला आलू 20 से 21 रुपये किलो मिल रहे हैं. अभी आलू की कीमत और चढ़ने की संभावना है.
कोरोना संकट में ट्रांसपोर्टिंग चार्ज बढ़ने से खासकर कपड़ा कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष श्रवण बाजोरिया ने बताया कि पहले जिस गांठ का रेट 550 रुपये लिया जाता था, उसी का अभी 950 रुपये प्रति गांठ लिया जा रहा है. ट्रांसपोर्टर से संपर्क करने पर कहा गया कि अभी कोरोना चार्ज लिया जा रहा है. कपड़ा कारोबारी विनीत बुधिया ने बताया कि बिल में कोरोना चार्ज भी लिखा रहता है. कपड़ा कारोबारी इसका बोझ ग्राहक पर नहीं डालना चाह रहे हैं. फिर भी एक प्रतिशत तक महंगाई बढ़ी है.