भागलपुर : रविवार को जिले में पहली बार स्वास्थ विभाग ने एक दिन में 10 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की. अब तक अधिकतम 4400 लोगों की जांच एक दिन में की गयी थी. रिकार्ड जांच के बाद भी जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या काफी कम रही, यह सुखद संयोग है. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार रविवार को जिले में कुल 89 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इसके साथ ही जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा छह हजार को पार कर गया है. अब यहां कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 6015 हो गयी है, जबकि 53 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी ओर अब तक 5178 लोग पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो चुके हैं. वहीं, एक्टिव मरीजों की संख्या 784 है.
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ के अनुसार रविवार को शहरी क्षेत्र में 10 व जिले में कोरोना के 89 नये मामले पाये गये. इनमें सदर अस्पताल परिसर में रह रहे 39 व 36 वर्षीय दो बीएमपी जवान, मिरजानहाट क्षेत्र में 26, 30, 32 वर्षीय युवक व 15 वर्षीय किशोर, माणिकपुर में 27 वर्षीय युवक, मारूफचक में 16 साल का किशोर, खलीफाबाग में 60 साल का बुजुर्ग, अलीगंज में 23 वर्षीय युवक व छोटी खंजरपुर में 57 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमण का शिकार हो गये.
सदर अस्पताल परिसर में रहनेवाले बीएमपी जवानों की पहली बार कोरोना जांच हुई. इस दौरान एक बटालियन के दो जवान कोरोना पॉजिटिव पाये गये. इसके बाद बचे बटालियन के जवानों को भी जांच कराने के लिए कहा गया. इसपर उन्होंने कहा कि अधिकारी से अनुमति के बाद ही जांच करा सकते हैं. अंत में सभी को समझा कर जांच के लिए राजी किया गया. देर शाम तक सभी की जांच होती रही. राहत वाली बात यह रही कि दो के अलावा और कोई पॉजिटिव नहीं पाया गया.
भागलपुर. कोरोना मरीजों का आंकड़ा पोर्टल पर दर्ज करने में लगातार लापरवाही सामने आ रही है. इससे नाराज मुख्यालय ने सिविल सर्जन को पत्र लिख कार्यशैली को बेहतर बनाने का निर्देश दिया है. इसके बाद सिविल सर्जन ने सभी लापरवाह पीएचसी को पत्र लिख जल्द आंकड़ा अपलोड करने का निर्देश दिया है. इस कार्य में लापरवाही करने पर सीधे कार्रवाई की जायेगी. सिविल सर्जन ने रेफरल अस्पताल नाथनगर, मोहद्दीनगर, पीरपैती, सुल्तानगंज, गोराडीह, जगदीशपुर, नारायणपुर, सबौर, बिहपुर, सन्हौला, शाहकुंड व बरारी में चलने वाले केंद्र को पत्र लिखा है.
भागलपुर. जिले में लगभग हर जगह कोरोना जांच के लिए टीम पहुंच रही है. इसके बाद भी झोपड़पट्टी के लोग कोरोना जांच से वंचित हैं. झोपड़पट्टी के लोग जागरूकता की कमी के कारण कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं. दो दिन पहले भीखनपुर में हुए कोरोना जांच के दौरान एक व्यक्ति की जांच की गयी. वह झोपड़पट्टी का रहने वाला था. एंटीजन जांच में पॉजिटिव पाया गया. शहर में रहने वाले ज्यादातर पुरुष सदस्य मजदूरी करते हैं, तो महिला दूसरे के घर में जाकर काम करती हैं.
posted by ashish jha