Bihar: भागलपुर में मां और दो बच्चों की एकसाथ उठी अर्थी, जिंदा जली बहू और पोता-पोती को ससुर ने दी मुखाग्नि

Bihar: बिहार के भागलपुर में मां और दो बच्चों की अर्थी एकसाथ उठी तो पूरा गांव रो पड़ा. आग में जिंदा जले बहू और पोता-पोती को ससुर ने मुखाग्नि दी. जानिए पूरी घटना...

By ThakurShaktilochan Sandilya | November 23, 2024 9:44 AM
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Bihar News: भागलपुर के पीरपैंती में बीते गुरुवार की आधी रात को एक घर में भीषण आग लग गयी थी जिसकी जद में पूरा परिवार आ गया था. आग से झुलसकर गौतम यादव की पत्नी वर्षा देवी (28), बेटी ज्योति कुमारी(08) और बेटा प्रत्युष कुमार(10) की मौत हो गयी. गौतम यादव भी बुरी तरह झुलस गया है लेकिन अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत स्थिर है. शुक्रवार को गौतम यादव की पत्नी और दोनों बच्चों की अर्थी एकसाथ उठी तो गांव में मातम पसर गया. गौतम के पिता ने अपनी बहू और पोता-पोती को मुखाग्नि दी.

आधी रात को आग ने पूरे परिवार को चपेट में लिया

पीरपैंती के परशुरामपुर पंचायत के अठनिया दियारा में गुरुवार की रात करीब 12 या 1 बजे के करीब गौतम यादव के घर में भीषण आग लग गयी. आग की लपटों ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया. घटना के वक्त गौतम यादव का परिवार अंदर ही सोया हुआ था. किसी को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला. गौतम यादव की पत्नी और उसे दो बच्चे अंदर ही जिंदा जल गये. जबकि गौतम किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल पाया. उसे अस्पताल में भर्ती किया गया जहां फिलहाल उसे खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

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महिला और दो बच्चे जिंदा जले

शुक्रवार को गौतम यादव की पत्नी वर्षा देवी और उसके दोनों बच्चों की अर्थी एकसाथ उठी तो पूरे गांव में मातम पसरा रहा. गौतम के जले हुए घर में सबकुछ बिखरा पड़ा है. घर के सारे सामान जलकर राख हो गए. साथ ही तबाह हो गया एक हंसता-खेलता परिवार. गौतम अस्पताल में भर्ती है और अपनी किस्मत के आंसू बहा रहा है. इधर, मां और दो बच्चों की अर्थी एकसाथ उठी तो गौतम के परिजन ही नहीं बल्कि गांव के लोगों की भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रही थी.

ससुर ने दी बहू और पोता-पोती को मुखाग्नि

तीनों के शव को अंतिम संस्कार के लिए भागलपुर के बरारी घाट लाया गया. जहां गौतम के पिता ने अपनी बहू और पोता व पोती को मुखाग्नि दी और अंतिम विदाई दे दी. लोग बताते हैं कि गुरुवार की रात इस परिवार के लिए काली रात बनकर आयी. देर रात को आग लगने के बाद चीख-पुकार मचने पर सभी वहां पहुंचे जरूर लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी.

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