गंगा का रौद्र रूप, तीन स्थानों भीषण कटाव
गंगा नदी ने मंगलवार को रौद्र रूप धारण कर लिया है. दोपहर बाद कटाव शुरू हुआ. स्पर संख्या सात की बायीं ओर बुद्धूचक गांव के निकट भीषण कटाव होने पर पुलिया कटाव की भेंट चढ़ गया
गंगा नदी ने मंगलवार को रौद्र रूप धारण कर लिया है. दोपहर बाद कटाव शुरू हुआ. स्पर संख्या सात की बायीं ओर बुद्धूचक गांव के निकट भीषण कटाव होने पर पुलिया कटाव की भेंट चढ़ गयी और 50 मीटर के आसपास कटाव होने लगा. सूचना पर जल संसाधन विभाग के अभियंता बांस का बंडल व बालू भरी बोरियां व पेड़ डाल कर कटाव रोकने का प्रयास किया. कटाव की गति काफी तेज होने से तटबंध पर रह रहे बुद्धूचक के ग्रामीण अपना सामान समेटने लगे. स्पर संख्या आठ की दायी ओर लगभग सौ मीटर व स्पर संख्या सात व आठ के बीच ध्वस्त तटबंध की दूसरी ओर सौ मीटर से अधिक तटबंध पर भीषण कटाव होने से अफरा-तफरी मच गयी. तटबंध पर दरार के साथ भीषण कटाव होने से पूर्व में कराया गया फ्लड फाइटिंग कार्य सहित ग्रामीणों की झोपड़ियां गंगा के गर्भ में समाने लगी. कटाव इतना तेज था कि देखते ही देखते तटबंध गंगा नदी में समाने लगा. कटाव की सूचना पर बीडीओ निशांत कुमार व गोपालपुर थाना पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची. जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता व मुख्य अभियंता ई अनवर जमील कटाव स्थल पर पहुंचे और तत्काल युद्ध स्तर पर फ्लड फाइटिंग कार्य करने का निर्देश कार्यपालक अभियंता ई मुकेश कुमार को दिया. मुख्य अभियंता ने बताया कि बड़ी नाव से बालू भरी बोरियां,बंबो रोल तथा ट्रैक्टर व जेसीबी से फ्लड फाइटिंग कार्य करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमलोग हर संभव प्रयास कर रहे हैं. गंगा का जलस्तर अधिक रहता, तो तटबंध पर मचती भारी तबाही गंगा नदी का कटाव स्पर संख्या आठ के निकट मंगलवार को तटबंध पर जिस तरह से होने लगा, यदि जलस्तर अधिक रहता, तो भारी तबाही मच जाती. तटबंध पर दरार के साथ तटबंध के गंगा नदी में समाने से तिनटंगा करारी पंचायत की काफी आबादी को प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. जलस्तर में कमी होने से तटबंध पर वर्षों से रह रहे पीड़ितों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है. बुद्धूचक, बिंदटोली के पीड़ित परिवार जिनका घर एक दशक पूर्व गंगा में समा गये थे. उन्हें एक फिर बेघर होने का दर्द झेलना पड़ रहा है. बिमला देवी, पारो देवी, नीलम देवी ने बताया कि हो बाबू आबे हमैं सब बाल बच्चा लैकेय कहां जैसे. गंगा माय ने घर काटि देने रहैय. तखनिये सै बांधो पर रहै छलियै सब दुख भूलि गेलियै. फेनु से गंगा माय हमरा सब कैय घर लै लेल कैय. तटबंध पर रह रही महिलाओ का कहना था कि घर कटने के बाद हमलोग अपने बाल-बच्चों व मवेशियों के साथ तटबंध पर आराम से रह रहे थे. सब दुख भूल गये थे.एक बार फिर मां गंगा ने हमलोगों को बेघर कर दी. अब हमलोग कहां जायें. कमोबेश ऐसी पीड़ा तटबंध पर रह रहे अन्य लोगों की है. तौफील व अंठावन में कटाव की भेंट चढ़ा घर, कई पर संकट कहलगांव. गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही कटाव ने विकराल रूप धारण कर लिया है. मंगलवार की सुबह तौफील और अंठावन दियारा में भीषण कटाव जारी है. कटाव इतना तेज है कि तौफील, अंठावन गांव के मोनू सिंह और संजय सिंह का पक्का घर गंगा में समा गया. प्रदीप सिंह का घर कभी भी कट कर गंगा में समा सकता है. कटाव की सूचना पर बाढ़ संघर्षात्मक बल भागलपुर के अध्यक्ष गोपालचंद मिश्र और कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश तौफील, अंठावन में कटाव का निरीक्षण करने पहुंचे. संवेदक को कटाव निरोधी कार्य शुरू करने का निर्देश दिया. संवेदक बंबू रोल डाल कर कटाव निरोधी कार्य शुरू कर दिया है. बीरबन्ना पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय मंडल और पंसस गंगाधर मंडल ने बताया कि तौफिल और अंठावन गांव के कटाव के मुहाने पर के आधा दर्जन से ज्यादा परिवार अपने सामान निकाल कर पलायन करने लगे हैं. तौफील के महंत बाबा स्थान के समीप लगभग दो बीघा कृषि योग्य भूमि कट कर गंगा में समा गयी. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से ही कटाव शुरू हुआ है. हवा की दिशा बदलते ही कटाव की दिशा बदल जाती है. अंठावन गांव के लोगों ने अपने घरों का सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचा चुके हैं. पानी के घटते ही कटाव और विकराल हो सकता है. बाढ़ संघर्षात्मक बल भागलपुर के अध्यक्ष व कार्यपालक अभियंता शहर के वार्ड 11 कागजी टोला में हो रहे कटाव का निरीक्षण किया. अध्यक्ष ने कहा कि तौफील और अंठावन में वर्ष 2020 में कटाव निरोधक कार्य कराया गया, जो सुरक्षित है. निम्न धार में नदी के धार सटने व हवा के बेग से कटाव हो रहा है. दोनों स्थलों पर बंबू रोल डाल कर कटाव निरोधी कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. कागजी टोला में कटाव निरोधी कार्य करना संभव नहीं है. पानी घटने पर कटाव निरोधी कार्य होगा.
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