बिहार के इस जेल में फिर चालू हुआ ‘गमला सेल’, जहां कुख्यात कैदियों को सख्त तरीके से किया जाता था टॉर्चर
बिहार के भागलपुर जिला स्थित कैंप जेल में एकबार फिर से गमला सेल को नये रूप में चालू किया गया. दशकों पहले कुख्यात बंदियों को सख्त तरीके से टॉर्चर करने के लिए गमला सेल में रखा जाता था. जानिये क्यों कहा जाता है गमला सेल..
अंकित आनंद,भागलपुर: दशकों पूर्व कुख्यात बंदियों को सख्त तरीके से टॉर्चर करने के लिए गमला सेल में रखा जाता था. वहीं चार दशक पूर्व से ही भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) के गमला को अमानवीय घोषित करते हुए बंद कर दिया गया था. पर अब इस गमले सेल को फिर से एक नया रूप मिल गया.
गमला सेल का नवीनीकरण हुआ
विशेष केंद्रीय कारा के वर्तमान अधीक्षक मनोज कुमार के प्रयास से निर्माण निगम ने उक्त गमला सेल का नवीनीकरण कर दिया है. एक तरफ जहां वीआइपी प्रशासनिक बंदियों को रखने में अब जेल प्रशासन को सहूलियत होगी वहीं दूसरी तरफ जेल में बंदियों की क्षमता भी बढ़ गयी है.
दशकों से बंद पड़े दो गमला सेल
अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि दशकों से बंद पड़े विशेष केंद्रीय कारा में मौजूद दो गमला सेल को छोटे-छोटे सिंगल कैदी के रहने वाले कुल 60 वार्ड में कंवर्ट किया गया है. इनमें से एक गमला सेल में कुल 28 सिंगल वार्ड बनाये गये हैं. उक्त गमला सेल में अटैच शौचालय भी मौजूद है. उक्त सिंगल वार्ड सेल बनने के बाद विशेष केंद्रीय कारा की क्षमता और ज्यादा हो गयी है. पूर्व में विशेष केंद्रीय कारा में 3288 बंदियों को रखने की क्षमता थी. जोकि अब बढ़ कर 3348 हो गयी है.
Also Read: Bihar News: भागलपुर-कहलगांव NH-80 पर रोज पलट रहे वाहन, बरसात आते ही पानी से लबालब हुए जानलेवा गड्ढे
सेल में बंदियों को रखा जायेगा
अधीक्षक ने बताया कि कारा विभाग के निर्देशानुसार उक्त सेल में बंदियों को रखा जायेगा. इधर शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा (सेंट्रल जेल) में वर्तमान में 1962 बंदियों को रखने की क्षमता पर वर्तमान में क्षमता से अधिक कुल 2500 बंदियों को सेंट्रल जेल में रखा गया है. इसे कम करने को लेकर जेल प्रबंधन की ओर से कारा विभाग को पत्र लिखा जायेगा.
क्या है गमला सेल?
विशेष केंद्रीय कारा में दशकों पूर्व बनाये गये गमला सेल को कुख्यात बंदियों के लिए टॉर्चर सेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. जानकारों की मानें तो गमला सेल में रहने वाले बंदियों को शौचालय की सुविधा नहीं दी गयी थी. शौच के लिये उन्हें एक गमला मुहैया कराया गया था. वहीं शौच के बाद बंदी उक्त गमलों को खुद ले जाकर साफ करते थे. मानवाधिकार आयोग के गठन के बाद उक्त सेल को अमानवीय घोषित किया गया और गमला सेल के संचालन और उसमें बंदियों को रखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था.
Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.
FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE
Posted By: Thakur Shaktilochan