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Sharad Purnima 2020: आसमान से रात भर हुई अमृत वर्षा, आज गंगा तटों पर स्नान के लिए उमड़ी भीड़

Ganga Bath On Sharad Purnima 2020: शरद पूर्णिमा का प्रवेश शुक्रवार को रात्रि में हो गया. हालांकि उदया तिथि के कारण गंगा स्नान व पूजन करने की मान्यता शनिवार को है, जबकि आसमान से अमृत बरसने की मान्यता शरद पूर्णिमा के प्रवेश करने की तिथि को है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 31, 2020 7:30 AM

Ganga Bath On Sharad Purnima 2020: शरद पूर्णिमा का प्रवेश शुक्रवार को रात्रि में हो गया. हालांकि उदया तिथि के कारण गंगा स्नान व पूजन करने की मान्यता शनिवार को है, जबकि आसमान से अमृत बरसने की मान्यता शरद पूर्णिमा के प्रवेश करने की तिथि को है.

शुक्रवार को कोरोना संकट के कारण शरद पूर्णिमा पर इस बार नि:शुल्क दवा वितरण शिविर नहीं लगाया गया. कई स्थानों पर जरूरतमंदों को जड़ी-बुटी का वितरण बारी-बारी से किया गया, ताकि रात्रि में खुद खीर के साथ दवा का सेवन कर सकें.

दवा से वंचित रह गये विभिन्न प्रांतों के मरीज

कोरोना संकट के कारण गाड़ियों का आवागमन प्रभावित होने और एक जगह लोगों की भीड़ नहीं लगाने के निर्देश के कारण विभिन्न प्रांतों के लोग इस बार दमा की दवा लेने से वंचित रह गये. झारखंड के गोड्डा, दुमका, उत्तरप्रदेश के विभिन्न क्षेत्र के सैकड़ों लोग यहां आकर दवा लेते थे.

अग्रसेन भवन एवं भजनाश्रम में नि:शुल्क दमा शिविर लगाया जाता था. इस बार शिविर नहीं लगाया गया. अरविंद मिश्रा एवं प्रदीप पोद्दार ने बताया कि दिवंगत रामजीवन पोद्दार एवं पंडित बहादुरलाल मिश्र ने 1960 में जनहित को ध्यान में रखकर दवा वितरण की परंपरा शुरू की थी.

जरूरतमंद लोगों को मिली जड़ी-बुटी व परामर्श

कोरोना संकट को देखते हुए सामूहिक शिविर को स्थगित कर दिया. जरूरतमंद मरीजों को अरविंद मिश्रा, प्रदीप पोद्दार एवं नंदकिशोर पोद्दार ने जड़ी-बुटी का वितरण किया. साथ ही जरूरी परामर्श दिया.

सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मिश्रा एवं प्रदीप पोद्दार ने जरूरतमंद मरीजों को परामर्श दिया कि चित्रकूट पर्वत के कामतगिरि के जंगलों से प्राप्त जड़ी-बुटियों औषधि तैयार की गयी है. यह दवा चंद्रमा की रोशनी खीर के साथ में रख कर प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में रोगियों से सेवन करना है. साथ ही बताया कि खीर गाय के दूध में बिना चीनी के मिट्टी के बरतन में पारंपरिक तरीके से तैयार करना है. इसके अलावा घर-घर में लोगों ने खीर को तैयार कर खुले आसमान में रखा और अहले सुबह सेवन कर अमृत प्राप्त किया.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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