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उफनायी गंगा, बूढ़ानाथ मंदिर को छूआ और विश्वविद्यालय परिसर में घुसा पानी

गंगा का जलस्तर शनिवार को बढ़ने से बूढ़ानाथ मंदिर के नीचे मशानी काली परिसर एवं पार्क में पानी घुस गया.

गंगा का जलस्तर शनिवार को बढ़ने से बूढ़ानाथ मंदिर के नीचे मशानी काली परिसर एवं पार्क में पानी घुस गया. इतना ही नहीं निचले इलाकों सखीचंद घाट, दीपनगर, मानिक सरकार घाट, आदमपुर घाट, किलाघाट, नाथनगर के लालूचक, श्रीरामपुर, शंकरपुर दियारा क्षेत्रों में पानी ऊपर चढ़ने लगा है. इस क्षेत्र के लोगों में भय बढ़ रहा है. लोगों को मवेशियों की चिंता सता रही है.

सिटी कॉलेज मार्ग पर भरा गंगा का पानी

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर में गंगा का पानी घुस गया. विश्वविद्यालय परिसर से निकले हथिया नाला का पानी स्थिर हो गया है. पीजी गर्ल्स छात्रावास में पानी भरने की संभावना बढ़ गयी है. वहीं परिसर से सटे सिटी कॉलेज मार्ग पर पानी भर गया. सिटी कॉलेज जाने के लिए बनी पुलिया पर भी पानी चढ़ने लगा है. गर्ल्स हॉस्टल के कर्मचारी ने बताया कि पहले भी यहां पर गंगा का जल स्तर बढ़ने पर पानी आया था. लड़कियों को हॉस्टल खाली करना पड़ा था. इस बार भी नाले में पानी भर चुका है. लड़कियों में भय व्याप्त है कि कहीं यहां फिर पानी नहीं भर जाये और कुछ दिनों के लिए हॉस्टल खाली करना पड़े.

जहरीले जीव-जंतु का बढ़ा भय

गंगा किनारे के लोगों में सांप-बिच्छू व अन्य जहरीले जीव-जंतु का डर पनप गया है. बूढ़ानाथ मंदिर प्रबंधक वाल्मीकि सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष भी जल स्तर बढ़ने पर पानी भरा था. अभी तो अगस्त माह ही है. पहले सितंबर में पानी आया था. दीपनगर के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज गुप्ता ने बताया कि नाले में पानी बढ़ने व बदबू से रात में नींद नहीं आती है. जहरीले जीव-जंतु का भय बढ़ गया है. एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, हनुमान घाट, मुसहरी घाट आदि पर लोगों को सीढ़ी पर ही स्नान करना पड़ रहा है.

डूबा चचरी पुल, दियारावासियों का टूटा संपर्क और अब नाव ही सहारा

किलाघाट में दो चचरी पुल और बूढ़ानाथ घाट पर एक चचरी पुल डूब गया है. इससे शंकरपुर दियारावासियों को नाव से गांव आना-जाना पड़ता है. दियारा में सब्जी की फसल पूरी तरह से डूब चुकी है. वार्ड 17 के पार्षद अशोक पटेल ने बताया कि गंगा में पानी बढ़ता जा रहा है, जो कि दियारावासियों के लिए चिंताजनक है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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