Bihar Flood: गंगा के रौद्र रूप से हाहाकार, स्लुईस गेट और पुल टूटा, मची भीषण तबाही
Bihar Flood: गंगा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से भागलपुर जिले में हाहाकार मच गया है. पुल और स्लुईस गेट ध्वस्त होने के कारण लोगों में भय का माहौल है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
भागलपुर. गंगा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से दियारा क्षेत्र में हाहाकार मच गया है. बाढ़ खत्म होने पर सूख गये खेतों में किसानों ने केलाइ का बीज डाल दिया था. किसानों ने मवेशियों को खिलाने के लिए चारा की भी बुआई कर दी थी, लेकिन पानी में सब कुछ डूब कर बर्बाद हो गया. किसान व ग्रामीण अभी इस सदमे में डूबे ही थे कि शनिवार को प्रखंड मुख्यालय से बकिया जाने वाली आरडब्लूडी की सड़क पर बना पुल टूट गया व लोगों का आवागमन अवरुद्ध हो गया. सूचना पर ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता अरुण कुमार सिंह ने तत्काल टूटे पुल के एक किनारे टूटे ईंटों को गिरा कर फिलवक्त पैदल चलने लायक बना दिया है. इस पुल के टूटने से अठनियां, माधोपुर, खुशालपुर, बकिया, रामनगर, लक्ष्मण टोला, गोविन्दपुर, जालीटोला आदि गांवों के लोग प्रभावित हो गये है.भाकपा नेता सह पैक्स अध्यक्ष अशोक कुमार यादव, प्रभात कुमार, मो महफूज, मनोज कुमार यादव, पवन यादव, कुन्दन यादव व जनप्रतिनिधियों ने किसानों के नुकसान का आकलन करा जीआर राशि व फसल नुकसान का मुआवजा देने की प्रशासन से मांग की है.
स्लुईस गेट का फाटक ध्वस्त
जाह्नवी चौक-लत्तीपुर सड़क पर महादेवपुर गंगा घाट के समीप निर्मित स्लुईस गेट का फाटक शनिवार को पूर्वाह्न करीब साढ़े तीन बजे गंगा नदी में आयी बाढ़ के पानी के दबाव से ध्वस्त हो गया. बाढ़ का पानी स्लूईश गेट के नीचे से तेज रफ्तार में बहने लगा. पानी का दबाव इतना अधिक था कि कुछ ही देर में स्लूईश गेट का फाटक टूट कर ध्वस्त हो गया. स्लूईश गेट टूटने की सूचना पर आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गयी. जिप प्रतिनिधि विजय मंडल सैकडों ग्रामीणों के साथ स्लुईस गेट के पास पहुंच ग्रामीणों के सहयोग से मिट्टी का बोरा सीमेंटेड पाइप समेत बचाव से संबंधित पेड़ के तना व डालियों को काट कर बचाव कार्य शुरू किया.
स्लुईस गेट का फाटक टूटने से देखते ही देखते सैकड़ों एकड़ खेत में गंगा नदी का पानी फैल गया और खेत में लगी सब्जी समेत अन्य फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी. घटना के स्थल के समीप स्थित दुकान, घर समेत राघोपुर, अलालपुर, बहत्तरा, जपतेली, फरीदपुर, अठगामा, उस्मानपुर, मिरजाफरी, ध्रुबगंज सहित दर्जनों गांवों और जाह्नवी चौक-लत्तीपुर सड़क के अस्तित्व पर संकट का बादल मंडराने लगा. जानकारी मिलते ही इलाके में खलबली मच गयी. जो जिस स्थिति में थे, वह उसी स्थिति में घटना की सही जानकारी जानने घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े.
घटना की जानकारी मिलने पर खरीक सीओ अनिल भूषण, इस्माइलपुर जिप विपिन मंडल, परवत्ता थानाध्यक्ष शंभु पासवान समेत अन्य थाना की पुलिस घटना स्थल पहुंची ओर बचाव कार्य तेज होने से नदी के पानी के प्रवाह में कुछ कमी आयी है.. जिप पति विजय कुमार मंडल ने बताया कि यह घटना पीडब्ल्यूडी के अफसरों की मनमानी से हुई है. मैं एक नहीं, बल्कि कई बार पीडब्ल्यूडी के अफसरों से मुलाकात कर स्लुईस गेट मरम्मत कराने की मांग की था. अफसरों ने कार्य कराना तो दूर, झांकने तक नहीं आये. मैं डीएम से मांग करता हूं कि पीडब्ल्यूडी के अफसरों पर कार्रवाई करें, अन्यथा हमलोग उग्र आंदोलन को बाध्य हो जायेगे. अगर नदी की धारा की रफ्तार में शीघ्र कमी नहीं आयी, तो पूर्व सांसद सह जदयू नेता शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल का आशियाना सहित पूरा इलाका जलमग्न हो जायेगा.
सुल्तानगंज-अकबरनगर में बाढ़ ने मचायी तबाही, हजारों बेघर
प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. नगर पंचायत अकबरनगर के कई वार्ड बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने से हजारों लोग एनएच-80 मुख्य सड़क व रेलवे लाइन के किनारे शरण लिये हैं. एनएच-80 मुख्य सड़क भवनाथपुर गांव के समीप पानी सड़क पर चढ़ गया. सड़क पर चार फीट से अधिक पानी बहने से वाहनों के आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है. बड़े वाहनों का आवागमन जारी है. एनएच-80 मुख्य सड़क पर पानी आने से अकबरनगर से भागलपुर का सड़क संपर्क भंग हो गया है. सदर एसडीओ धनंजय कुमार, विधि व्यवस्था डीएसपी चंद्र भूषण, बीडीओ संजीव कुमार, सीओ रवि कुमार ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा स्थिति कर शनिवार को जायजा लिया. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में जहां जो जरूरत है, उसके अनुसार सहायता उपलब्ध करायी जा रही है.
चार पंचायतों में सामुदायिक किचन शुरू
सदर एसडीओ ने बताया कि सुलतानगंज प्रखंड के किशनपुर, महेशी, तिलकपुर व गनगनियां पंचायत में बाढ़ ग्रस्त इलाके की स्थिति का निरीक्षण किया. बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन शुरू किया गया है. इन स्थानों पर सभी व्यवस्था की गयी है. बाढ़ प्रभावित इलाके में शौचालय, पेयजल की व्यवस्था के लिए पीएचइडी विभाग को निर्देशित किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों में नाव का परिचालन कराया जा रहा है.
सधुआ गांव में दोबारा घुसा बाढ़ का पानी
कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से सधुआ गांव में बाढ़ का पानी दोबारा प्रवेश कर गया है. गांव मनोज कुमार ने बताया कि बाढ़ का पानी घर से निकलने पर घर की साफ सफाई कर रहने लगे थे. बाढ़ का पानी दोबारा घर में प्रवेश करने से फिर बेघर हो गया हूं. सधुआ गांव की सड़क पर बाढ़ का पानी आने से आवागमन प्रभावित हो गया है. लोगों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो गया है. पीड़ित परिवार कटरिया स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक व दो पर शरण ले रहे हैं. कुछ परिवार त्रिमुहानी तटबंध पर शरण लिये हैं. मदरौनी, कोसकीपुर, सहोड़ा, सधुआ चापर पंचायत के लोगों के खेतों व घरों में पानी घुस गया है. मदरौनी के संजय कुमार ने बताया कि पंचायत के लगभग पांच सौ घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ का पानी मदरौनी के गोढ़ियारी टोला, नासी टोला, पूर्वी टोला, ठाकुर टोला में घुस गया है. सहोड़ा पंचायत में बाढ़ से प्रभावित परिवार रेलवे लाइन व सड़क किनारे शरण लिये हैं. बाढ़ प्रभावित परिवार में पीने का पानी, शौचालय की समस्या है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तिनटंगा दियारा दक्षिण पंचायत के उसरेहिया गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
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