नगर निगम : कर्मचारियों के फेरबदल के बाद से कूड़े के उठाव की रफ्तार सुस्त, बदबू से राहगीरों का गुजरना हुआ मुश्किल
– ट्रांसफर-पोस्टिंग के दूसरे दिन से वार्ड 49 के मोतीलाल लेन नहीं पहुंच रहे सफाई कर्मीवरीय संवाददाता, भागलपुर
नगर निगम में कर्मचारियों के फेरबदल का सीधा असर विकास कार्यों के साथ सफाई व्यवस्था पर पड़ी है. शहर से कूड़ा के उठाव की रफ्तार धीमी पड़ गयी है. कई ऐसे इलाके हैं, जहां चार दिन बाद भी सफाई नहीं करायी जा सकी है. गली-मुहल्ले की स्थिति तो और ज्यादा खराब है. वार्ड 22 के मानिक सरकार बंगाली टोला की बात करें, तो यहां चार दिन से सफाई नहीं हुई है. हसनगंज में मोतीलाल लेन में तो कर्मचारियों के फेरबदल के दूसरे दिन से ही कूड़े का उठाव और नालियों की सफाई नहीं करायी गयी है. यह तो मात्र एक उदाहरण है. शहर में मुख्य रोड से लेकर गली की सड़कों पर गंदगी फैली हुई है. होटल के सामने भी कूड़ा देखा जा सकता है.नगर निगम द्वारा साफ-सफाई का दावा तो बहुत किया जाता है लेकिन, शहर का नजारा दावों पर खरा नहीं उतर रहा है. नगर निगम के वही सफाई एजेंसी है, जिसको लेकर अक्सर जनप्रतिनिधियों व निगम प्रशासन के बीच विवाद होते रहता है. अभी वह कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के बाद से दबाव में कमी आने का पूरा फायदा उठा रहा है. इस वजह से शहर में जगह -जगह कूड़े फैले मिल रहे हैं. कूड़ेदान रहने के बाद भी नियमित कर्मियों के नहीं आने के कारण गंदगी वहीं पड़ी मिल रही है. कुछ दिनों से पड़े कूड़े का सड़ांध राहगीरों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. वहीं, लोगों द्वारा भी कचरे को लापरवाही के साथ फेंक दिया जा रहा है.
दिन में कूड़ा फेंकने पर कार्रवाई करने का नियम-कानून बेअसर
निगम ने एक नियम-कानून बनाया है कि दिन में लोगों द्वारा कूड़ा फेंका जाता है, तो जुर्माना के साथ कार्रवाई की जायेगी. उनका यह नियम लोगों के लिए बेअसर है. जितना निगम कूड़ा उठवा नहीं पता है, उससे कहीं ज्यादा लोगों द्वारा फेंका जा रहा है. यही वजह से कूड़ेदान न सिर्फ भरा हुआ मिलता है, बल्कि सड़कों पर कचरा बिखरा रहता है.
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