गरीब नवाज ने इंसानियत, मोहब्बत व भाईचारे का दिया संदेश
सैय्यदपुर बरारी स्थित खानकाह जलालिया नूरिया अशरफिया में नौचंदी (उर्दू महीने की पहली जुमेरात) के मौके पर गुरुवार को बाद नमाज-ए-जोहर महफिल आयोजित किया गया.
सैय्यदपुर बरारी स्थित खानकाह जलालिया नूरिया अशरफिया में नौचंदी (उर्दू महीने की पहली जुमेरात) के मौके पर गुरुवार को बाद नमाज-ए-जोहर महफिल आयोजित किया गया. मौके पर साहिबे सज्जादा मौलाना सैय्यद शाह कबीरउद्दीन अशरफ अलमारूफ साजिद अशरफ ने ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह की शान व उनकी तालिमात पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह इस्लाम के चिश्ती सिलसिले के बानी माने जाते हैं. आप भारत में सूफी तहरीक के सबसे बड़े इंसानियत, मोहब्बत व भाईचारे का संदेश दिया है. आपका सिलसिला-ए-तालीम न सिर्फ रूहानी रहनुमाई करता है, बल्कि समाजी इखलाक व इंसानी भलाई पर जोर देता है. साहिबे सज्जादा ने कहा कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह का मिशन इंसानियत, मोहब्बत व भाईचारे का पैगाम देना था. हजरत ख्वाजा गरीब नवाज ने अपनी पूरी जिंदगी मजलूमों, बेसहारा व गरीबों की मदद में गुजारी. उनकी खानकाह से रूहानी रोशनी फैल रही है. साहिबे सज्जादा ने कहा कि आज के दौर में हमें ख्वाजा गरीब नवाज के तालिमात पर अमल करने की जरूरत है. ताकि मौजूदा दौर की बे-सुकूनी और नफरत को मोहब्बत व अमन में बदला जा सके. उन्होंने कहा कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रज्जब माह का चांद बुधवार को दिखा गया है. इस एतवार से गुरुवार रज्जब की पहली तारीख है.अजमेर में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स-ए-पाक शुरू हो गया. छह जनवरी की देर रात देग चढ़ाया जायेगा. सात जनवरी सुबह की नमाज के बाद फातिहा खानी होगी. महफिल के अंत में फातिहा ख्वानी व ख्वाजा गरीब नवाज की निस्बत से दुआ-ए खास मांगी गयी. दुआ के बाद लंगर-ए-आम का एहतमाम किया गया. इस अवसर पर मो इफ्तेखार अशरफी, मो अहमद, ताज अहमद, सादिक अशरफी, आफताब आलम, मो राजा, मो तारिक, मो इंतेखाब, मुमताज अहमद, तजमूल आलम, मो अशरफ, फरीद अशरफी, डॉ महताब आलम अशरफी, मो तौहीद, वजाहत अली आदि मौजूद थे.
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