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बैंक से पैसा निकलवा दीजिए सर, घर में खाने को अन्न नहीं

भागलपुर : लॉकडाउन में घर से निकलने में हर कोई सावधानी बरत रहा है, लेकिन मंगलवार को परिवार का एक सदस्य राशन-पानी की व्यवस्था करने के लिए पैसे की जुगाड़ में न केवल घर से निकला, बल्कि बैंक ऑफ इंडिया के नाथनगर का कई बार चक्कर लगाया. बावजूद, इसके न तो उनके खाते से पैसे […]

भागलपुर : लॉकडाउन में घर से निकलने में हर कोई सावधानी बरत रहा है, लेकिन मंगलवार को परिवार का एक सदस्य राशन-पानी की व्यवस्था करने के लिए पैसे की जुगाड़ में न केवल घर से निकला, बल्कि बैंक ऑफ इंडिया के नाथनगर का कई बार चक्कर लगाया. बावजूद, इसके न तो उनके खाते से पैसे निकले और न राशन-पानी का जुगाड़ हो सका. यह कहानी बहबलपुर के चिकू सिंह की है. कहीं से कोई मदद नहीं मिली, तो उन्होंने प्रभात खबर दफ्तर में फोन कर आपबीती सुनायी और मदद की गुहार लगायी.

प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर सुनील कुमार सुमन से संपर्क कर पीड़ित का नंबर उपलब्ध कराया, तो चलंत डाकघर उनके दरवाजे पर पहुंचा और बैंक ऑफ इंडिया में मां रंभा देवी के अकाउंट का पांच हजार रुपये आधार आधारित सिस्टम से डाकघर से निकासी हुई. पैसा मिलने के बाद डाकघर के प्रति खुशी व्यक्त की. चिकू ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया के नाथनगर शाखा में मां के खाते में साढ़े सात हजार रुपये थे. पासबुक लेकर पहुंचे, तो लंबी लाइन लगी थी. लाइन में अगर लग भी जाते तो उनकी बारी आने तक बैंक बंद हो जाता है. घर में खाने-पीने का कोई समान नहीं बचा था.

प्रभात खबर को फोन करने पर मदद मिली और डाकघर चल कर घर पहुंचा. डाक कर्मी ने बताया कि अधिकतम पांच हजार रुपये की ही निकासी कर सकते हैं. लॉकडाउन में पांच हजार रुपये भी खाते से निकल गया, यह मौजूदा समय में सबसे बड़ी राहत है. नाथनगर डाकघर ने बैरंग लैटा दियाबहबलपुर के चिकू सिंह ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया के नाथनगर शाखा में लंबी लाइन देख कर डाकघर पहुंचे, तो वहां डाक अधिकारी ने कहा कि बैंकों का पैसा डाकघर से निकालने जैसी कोई सुविधा नहीं है. उन्होंने बताया कि इस तरह की व्यवस्था अखबार में पढ़े हैं कि मिल रहा है. इस पर वह गुस्सा हो डाकघर से निकाल दिया गया.

उन्होंने बताया कि ऐसे डाक अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए. काम करने से बचने के लिए बहानेबाजी करने से लोगों की तकलीफ दूर नहीं होगी, बल्कि बढ़ती चली जायेगी. प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर ने बताया कि नाथनगर डाकघर को तुरंत भुगतान करना चाहिए. काम से बचने के लिए बहानेबाजी करने से ग्राहकों का विश्वास डगमगाता है. कोट जरूरतंदों के लिए चलंद डाकघर की शुरुआत की गयी है.

शहरी क्षेत्र में रोजाना ग्राहकों के फोन पर उनके दरवाजे पर पहुंच रहा है और निकासी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. इस क्रम में बहबलपुर में भी चलंत डाकघर पहुंचा और जरूरतमंद को घर के दरवाजे पर पैसे निकासी की सुविधा दी गयी है. सुनील कुमार सुमनपोस्टमास्टर, प्रधान डाकघर, भागलपुर

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