केंद्रीय मंत्री व भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को भागलपुर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत की. भागलपुर के प्रसिद्ध बूढानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद गिरिराज सिंह अपने समर्थकों के साथ जिला स्कूल प्रांगण पहुंचे जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों संबोधित किया. उन्होंने इस कार्यक्रम के जरिए हुंकार भरी और हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालने का उद्देश्य बताया. गिरिराज सिंह ने अलग-अलग राज्यों में हुई हत्याओं का जिक्र किया. भागलपुर में 1989 में हुए दंगे का भी इशारे ही इशारे में उन्होंने जिक्र किया और अपनी यात्रा भागलपुर से ही शुरू करने की वजह बतायी.
गिरिराज सिंह ने बताया- भागलपुर से क्यों शुरू की यात्रा…
गिरिराज सिंह ने अपनी इस यात्रा का उद्देश्य बताया. उन्होंने कहा कि मीडिया मुझसे सवाल करती है कि आपने भागलपुर को ही इस यात्रा को शुरू करने के लिए क्यों चुना? बता दूं कि भागलपुर एतिहासिक जगह है. यह योद्धाओं की जगह है. जब भी किसी ने ललकारा तो भागलपुर ने इसका मुंह तोड़ जवाब दिया है. गिरिराज सिंह ने कहा कि मुझसे पूछते हैं कि आपने सीमांचल को क्यों चुना? तो बता दें कि अगर बाबा साहेब की बात मान ली गयी होती तो आज ये सवाल मुझसे नहीं होता.
अंबेडकर का जिक्र करके नेहरू को घेरा
गिरिराज सिंह ने कहा कि बाबा साहेब ने तब कहा था कि सारे मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दो और पाकिस्तान से सारे हिंदू भारत आ जाएं. लेकिन तब नेहरू ने बाबा साहेब की बात नहीं मानी थी. नेहरू को वोट चाहिए था. बाबा साहेब ने तब कहा था कि मेरी बात नहीं मानोगे तो याद रखना भारत में कभी सामाजिक समरसता बना नहीं रहेगा, जो आज मैं देख रहा हूं. गिरिराज सिंह ने लखनऊ में कमलेश तिवारी, राजस्थान में कन्हैया हत्याकांड आदि का जिक्र किया. बहराइच हिंसा का भी गिरिराज सिंह ने जिक्र किया और कहा कि उसके बाद मुझसे पूछते हैं कि इस यात्रा की जरूरत क्यों पड़ी.
गिरिराज सिंह की यात्रा से सियासत गरमायी
गौरतलब है कि गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा को लेकर बिहार की राजनीति गरामयी हुई है. गिरिराज सिंह की यात्रा से प्रत्यक्ष रूप से जहां भाजपा ने भी किनारे किए हुए है तो वहीं जदयू ने इस यात्रा पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष ने गिरिराज सिंह की इस यात्रा के उद्देश्य पर सवाल खड़े करते हुए केंद्रीय मंत्री समेत भाजपा को निशाने पर लिया है. गिरिराज सिंह की यह यात्रा भागलपुर से शुरू हुई है जो कटिहार, पूर्णिया होते हुए किशनगंज जाकर संपन्न होगी.