दशलक्षण महापर्व के चौथे दिन बुधवार को उत्तम शौच धर्म की पूजा सह भगवान पुष्पदंत जी मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया. नाथनगर कबीरपुर स्थित श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र परिसर में भगवान पुष्पदंत जिनालय में मंदिर की सज्जा देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये. श्रद्धालुओं के जयघोष से पूरा सिद्धक्षेत्र गुंजायमान हो उठा. वहीं कोतवाली चौक स्थित जैन मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच मध्य प्रदेश से पधारे पंडित मुकेश शास्त्री ने प्रवचन किया और कहा कि ताकत का दुरुपयोग व्यक्ति को कमजोर स्थिति में पहुंचा देता है. सहयोग ना कर सको तो किसी को मायूस तो नहीं करो. उत्तम शौच धर्म का अर्थ है- लोभ को मिटाना. उन्होंने कहा कि बड़े सोच वाले ही आगे बढ़ पाते हैं. अनुशासनहीनता अनपढ़ व्यक्ति की खास पहचान है. विपत्ति में संपत्ति नहीं, धैर्य ही काम आता है. अधिकार इतराने के लिए नहीं, दूसरों की सेवा के लिए मिलते हैं. दोहरे चरित्र के साथ जीना, जीना नहीं मरना है.
आज उत्तम सत्य धर्म की आराधना
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