रियल इस्टेट सेक्टर के लिए सरकार ने नियामक की स्थापना की है. इससे क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ रही है. ग्राहकों का विश्वास लौट रहा है. बिल्डरों को रेरा के प्रावधानों के अनुपालन पर ध्यान देना होगा. उक्त बातें सीए महादेव बिरला ने रेरा की जानकारी देते हुए कही. मौका था शनिवार को क्रेडाई भागलपुर एवं सीए इंस्टीट्यूट, भागलपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में नौलखा कोठी के समीप होटल में आयोजित रियल इस्टेट के विभिन्न अनुपालन विषयक वर्कशॉप का. उन्होंने कहा कि उन्हें ग्राहकों से प्राप्त 70 प्रतिशत रकम एक अलग बैंक खाते में रखना चाहिए और उसे सिर्फ उसी प्रोजेक्ट में खर्च करना चाहिए. प्रत्येक तीन महीने पर सभी रिपोर्ट रेरा की वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए, ताकि ग्राहकों को प्रोजेक्ट की प्रगति की जानकारी मिलती रहे.
रेरा, इनकम टैक्स और जीएसटी की कई जानकारियां दी
आयोजन के मुख्य अतिथि राज्य जीएसटी के अपर आयुक्त गोपाल कुमार अग्रवाल थे. मुंबई तथा अहमदाबाद से आये विशेषज्ञ सीए की टीम महादेव बिरला, विवेक लड्ढा तथा संजय काबरा ने रेरा, इनकम टैक्स तथा जीएसटी की विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी. सीए इंस्टिट्यूट की भागलपुर शाखा के चेयरमैन अजय भगत ने अतिथियों का स्वागत किया. सीए पुनीत चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं क्रेडाई भागलपुर के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संजय काबरा ने इनकम टैक्स प्रावधानों की जानकारी दी और रियल इस्टेट क्षेत्र में दो अलग तरह के एकाउंटिंग प्रणाली की विस्तृत चर्चा की. उन्होंने कहा कि बिल्डरों को समय पर कर भुगतान करना आवश्यक है. अपनी जमीन पर अपार्टमेंट बनवाने वाले जमीन मालिकों पर लागू लांग टर्म कैपिटल गेन की भी उन्होंने चर्चा की.
इस अवसर पर जीएसटी विभाग के संजीत कुमार, पटना से आये रेरा कंसल्टेंट रजनीश कुमार, स्टेट बैंक से जितेंद्र कुमार, अविनाश कुमार, केनरा बैंक से धीरेन्द्र कुमार, एबीबी कंपनी के मृणाल चौधरी , सीए रवि साह, विनोद ढनढनिया, रमण साह, गोविंद अग्रवाल, राजीव प्रदीप, ओपी सिंह, विनीत चौधरी, अखिलेश कुमार, अमित केजरीवाल, मुरारी खेतान, दीपक सुल्तानिया, विनीत ढनढनिया, सुमन ढनढनिया, सुमन सिंह, संजीव सिन्हा, संजय राम, निलेश कुमार आदि आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है