त्याग, बलिदान और देश प्रेम के प्रतीक हैं गोविंद सिंह के चारों पुत्र
श्री गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे. उनके बेटे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था.
श्री गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे. उनके बेटे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था. मुगल शासक सरहिंद के नवाब वजीर खान ने उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया था. उनके त्याग, बलिदान और देश प्रेम के अनूठे बलिदान स्वरूप की शहादत को प्रत्येक बच्चे को अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है. कटिहार से आये भाई रविंद्र सिंह ने शुक्रवार को गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में सिख के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह के वीर शहीद पुत्रों की जीवनी पर प्रकाश डाला. इससे पहले ही गुरु गोविंद सिंह के दो बड़े पुत्र लड़ाई में शहीद हो चुके थे.
आनंदराम ढांढानिया के छात्राें ने निकाली शोभायात्रा
गुरुद्वारा परिसर में सुबह वीर बाल दिवस मनाया गया. सुबह 11 बजे आनंदराम ढांढानिया सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों ने गुरुद्वारा परिसर से शोभायात्रा निकाली. पटल बाबू रोड, शहीद भगत सिंह चौक, खलीफाबाग चौक होते हुए पुन: गुरुद्वारा में पूरी हुई. मार्ग में फूल बरसाये गये. शोभायात्रा के बाद सबद-कीर्तन का आयोजन हुआ. गुरुद्वारा परिसर में भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार, एमएलसी डॉ एनके यादव, भाजपा महामंत्री अभय घोष सोनू, प्रणव दास, आलोक कुमार, योगेश पांडेय आदि ने भी संबोधित किया. मंच संचालन मीडिया प्रभारी सरदार हर्षप्रीत सिंह ने किया. कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार ताजेंद्र सिंह, सचिव बलबीर सिंह, संरक्षक खेमचंद बच्चानी, उपसचिव रमेश सुरी, अनु सोढ़ी, हरजीत सिंह, मोहिंदर सिंह आदि का योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है